पर राहुल गांधी ने भाजपा के आरोपों का जवाब नहीं दिया।
भगौड़ा विजय माल्या भाजपा-कांगे्रस और जेडीएस के विधायकों के वोट से दो बार बना सांसद।
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भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपया लेकर भागा शराब कारोबारी विजय माल्या भले ही लंदन में ऐश की जिन्दगी जी रहा हो, लेकिन यहां भारत की राजनीति में माल्या को लेकर तूफान आया हुआ है। 12 सितम्बर को कोर्ट की पेशी के दौरान माल्या ने कहा था कि दो मार्च 2016 को भारत छोड़ने से पहले वह केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से संसद में मिला था। माल्या के इस बयान पर 13 सितम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस की और केन्द्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। राहुल गांधी का कहना रहा कि माल्या सरकार की मदद से लंदन भगा है। माल्या और अरुण जेटली के बीच हुई मुलाकात के गवाह के तौर पर राहुल गांधी ने कांग्रेस के सांसद पीएल पुनिया को चश्मदीद गवाह के तौर पर प्रस्तुत किया। पुनिया ने कहा कि अरुण जेटली ने ही माल्या को बताया था कि भारत में परेशानी होगी, इसलिए विदेश भाग जाओ। राहुल के इन आरोपों से माल्या के बयान की भी पुष्टि होती है। राहुल गांधी ने यह प्रेस काॅन्फ्रेंस 13 सितम्बर को दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली में की। लेकिन इससे पहले एक बजे भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने जो प्रेस काॅन्फ्रेंस की उसमें राहुल गांधी और तत्कालीन यूपीए की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। आरबीआई और एसबीआई के पत्र दिखाते हुए भाजपा की ओर से कहा गया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी का परिवार विजय माल्या पर मेहरबान रहा। इसलिए किंग फिशर एयर लाइंस के लोन का कई बार रिस्ट्रेक्चर किया गया। पात्रा का कहना रहा कि सोनिया गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक किंग फिशर एयर लाइंस में मुफ्त में सफर करती थीं। खुद विजय माल्या ने एक पत्र में स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दखल की वजह से ही एसबीआई से 500 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत हुआ। भाजपा ने राहुल गांधी के द्वारा कोलकाता की आरपीजी कंपनी से एक करोड़ रुपए का लोन मामला भी रखा। आरोप लगाया गया कि यह फर्जी कंपनी थी, जिससे राहुल गांधी को फायदा पहुंचा। भाजपा के इन आरोपों का जवाब राहुल गांधी ने अपनी प्रेस काॅन्फ्रेंस में नहीं दिया। हालांकि भाजपा ने राहुल गांधी को जवाब देने की चुनौती दी थी। असल में भाजपा को यह पता चल गया था कि राहुल गांधी भी विजय माल्या के मुद्दे पर प्रेस काॅन्फ्रंेस कर रहे हैं इसलिए राहुल गांधी से पहले ही भाजपा ने प्रेस काॅन्फ्रंेस कर गंभीर आरोप लगा दिए।
सांसद बनाने में सबकी मददः
भगौड़े विजय माल्या से अब भाजपा और कांग्रेस भले ही दूरी दिखा रहे हों, लेकिन इन्हीं पार्टियांे के विधायकों के वोट से विजय माल्या दो बार कर्नाटक से राज्य सभा के सदस्य के तौर पर चुने गए। 2002 में कांग्रेस और जेडीएस ने सांसद बनवाने में मदद की तो 2010 में भाजपा और जेडीएस के विधायकों के वोट से माल्या सांसद बने। अच्छा हो कि राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाए माल्या के खिलाफ कार्यवाही करवावें। माल्या के विदेश भाग जाने से पंजाब नेशनल बैंक की आर्थिक स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है।