पुष्कर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था के साथ रोजाना हो रहा है खिलवाड़।

पुष्कर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था के साथ रोजाना हो रहा है खिलवाड़। मल-मूत्र युक्त पानी फिर बहा सड़कों पर। विकास के दावे खोखले। एडीए के पास है सीवरेज का काम।
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13 सितम्बर को एक बार फिर हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था के साथ उस समय खिलावाड़ हुआ, जब सड़कों पर मल-मूत्र युक्त सीवरेज का गंदा पानी बहने लगा। हालत इतने खराब थे कि गुरुद्वारे से नए रंगजी के मंदिर तक एक एक फीट सीवरेज का पानी सड़क पर जमा हो गया। पुष्कर में अक्सर ऐसा होता है। सीवरेज सिस्टम बिगड़ा होने की वजह से गंदा पानी उफन कर सड़कों पर आ जाता है। बरसात के दिनों में तो बरसात के पानी के साथ सीवरेज का पानी भी पवित्र सरोवर में चला जाता है। 13 सितम्बर को श्रद्धालुओं खास कर महिलाओं को पुष्कर तीर्थ की परिक्रमा भी मल-मूत्र युक्त पानी में से गुजर कर करनी पड़ी। पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने माना कि 13 सितम्बर को भी सीवरेज का पानी सड़क पर आया। जानकारी मिलने के बाद पालिका के सफाई कर्मचारियों को मौके पर जाकर हालात सुधारे। पाठक ने कहा कि पुष्कर में सीवरेज का जिम्मा अजमेर विकास प्राधिकरण के पास है। उन्होंने माना कि सीवरेज का पानी सड़कों पर बहने से श्रद्धालुओं को परेशानी होती है।
तीर्थ पुरोहित चुपः
पुष्कर तीर्थ की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था को बनाए रखने में तीर्थ पुरोहितों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह पुरोहित ही पुष्कर तीर्थ के धार्मिक महत्व का गुणगान करते हैं। लेकिन इसे अफसोस नाक ही कहा जाएगा कि पुष्कर की दुर्दशा पर तीर्थ पुरोहित चुप है। हालांकि तीन वर्ष पहले तक छोटी छोटी बातों पर तीर्थ पुरोहित हंगामा करते थे। इस हंगामे का पालिका प्रशासन पर असर भी होता था। चूंकि तीर्थ पुरोहित चुप है। इसलिए पुष्कर की दुर्दशा पर अजमेर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन भी गंभीर नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर का कहना है कि पुष्कर का सीवरेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। एक वर्ष पहले सीएम वसुंधरा राजे जब पुष्कर आई थीं, तब सीवरेज सिस्टम को सुधारने  के लिए चार करोड़ की राशि स्वीकृत की थी, लेकिन एडीए ने यह राशि अभी तक भी नहीं दी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम की घोषणा का भी क्या हाल हो रहा है। पाराशर ने बताया कि अजमेर नगर निगम ने केन्द्र की योजनाओं में जो काम किया वह भी सीवरेज सिस्टम को ठीक नहीं कर सका है। पुष्कर को सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी की नगरी कहा जाता है। केन्द्र सरकार पुष्कर के अंतर्राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपया खर्च कर रही है। लेकिन हकीकत यह है कि पुष्कर में आज भी सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहता है।
प्रधानमंत्री आएंगेः
नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीताने के लिए सीएम वसुंधरा राजे इन दिनों गौरव यात्रा निकाल रही हैं। भाजपा की ओर से कहा गया कि यात्रा का समापन पुष्कर तीर्थ में होगा। इस अवसर पर होने वाली सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आएंगे। जिस पुष्कर में सीवरेज का पानी आए दिन सड़क पर बह रहा है। उस पुष्कर की उजली छवि प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। आखिर अफसर और जनप्रतिनिधि मिल कर केन्द्र सरकार के करोड़ों रुपयों का पलीता लगा रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (13-09-18)
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