अजमेर का सरवाड़ दूसरे दिन भी पुलिस छावनी बना रहा। रोजा इफ्तार पार्टी में कौमी एकता का दम भरने वाले आगे आएं।
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सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के साहबजादे सैय्यद फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर के सरवाड़ कस्बे में हैं। यही सरवाड़ कस्बा 22 सितम्बर को भी पुलिस छावनी बना रहा। कलेक्टर आरती डोगरा और एसपी राजेश सिंह सरवाड़ में ही डेरा जमाए हैं। कोई अप्रिय वारदात न हो, इसलिए कस्बे में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। एतिहात के तौर पर पुलिस ने दोनों समुदायों के 50 से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में ले रखा है। इनमें हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष छगनलाल रैगर भी शामिल हैं। हालांकि गत रात्रि को मुहर्रम की सभी रस्में तनावपूर्ण माहौल में हो गई, लेकिन क्षेत्रीय लोगों में 21 सितम्बर को हुई पुलिस कार्यवाही से नाराजगी है। सरवाड़ में गोपीनाथ भगवान का मंदिर है। मंदिर परिसर को बेकद्री से बचाने के लिए श्रद्धालुओं ने चंदा एकत्रित कर चार दीवारी बना दी, चूंकि अभी मरम्मत आदि का कार्य चल ही रहा है, इसलिए मंदिर विकास से जुड़े लोगों ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। लेकिन 21 सितम्बर को मुहर्रम का जुलूस निकलने से पहले पुलिस ने मंदिर परिसर का ताला खोल कर जुलूस देखने वालों को प्रवेश करवा दिया। पुलिस का तर्क रहा कि इस बार भले ही चार दीवारी बना दी गई हो, लेकिन गत वर्ष तक इसी स्थान पर खड़े होकर मुहर्रम का जुलूस देखा जाता था। इस परंपरा को अचानक बंद नहीं किया जा सकता। पुलिस और प्रशासन के इस फैसले से ही हिन्दू उत्सव समिति से जुड़े लोगों ने सरवाड़ बंद करवा दिया जो 22 सितम्बर को भी बंद रहा। पुलिस और प्रशासन का प्रयास है कि दोनों पक्षों में वार्ता करवा कर हालात सामान्य किए जाएं। सरवाड़ में वर्ष में एक दो बार दोनों समुदाय आमने-सामने हो ही जाते हैं।
प्रशासन जल्द हालात सामान्य करें-सांसद शर्माः
अजमेर से कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा ने कहा कि प्रशासन को जल्द से जल्द सरवाड़ के हालात सामान्य करने चाहिए। साथ ही उन्होंने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की। सांसद ने कहा कि सरवाड़ स्थित सैय्यद फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह को पूरे देश में साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल माना जाता है। हम सबको को सदभावना का माहौल बनाए रखना चाहिए।
अजमेर शहर में भी माहौल बिगााड़ने की कोशिशः
पिछले दो दिनों में अजमेर शहर में भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई है। निकटवर्ती दौराई क्षेत्र में रेवाड़ी निकालने के समय कुछ असामाजिकतत्वों ने पत्थरबाजी की जिससे दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने हो गए। लेकिन बाद में आपसी समझाइश से माहौल को शांत किया गया। 21 सितम्बर को ही पुलिस लाइन स्थित शिव मंदिर की प्रतिमाओं को खंडित किया। माहौल बिगड़ता इससे पहले ही क्षेत्रीय भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी मौके पर पहुंच गए। देवनानी ने सकारात्मक भूमिका निभाते हुए श्रद्धालुओं को समझदारी से काम लेने के लिए कहा वहीं पुलिस को सख्त निर्देश दिए कि जिस किसी भी व्यक्ति ने भगवान की प्रतिमाओं को खंडित किया है उसे शीघ्र पकड़ा जाए। पुलिस का मानना है कि किसी नशेड़ी प्रवृत्ति के व्यक्ति ने प्रतिमाओं को खंडित किया है।
रोजा इफ्तार की दावत वाले आगे आएंः
अजमेर में पिछले तीन दिनों मे जो घटनाएं हुई उसे देखते हुए अब उन समाजसेवियों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए जो रोजा इफ्तार की बड़ी बड़ी दावतें करते हैं। असल में ऐसे नाजुक मौकों पर ही सदभावना दिखाने की जरुरत होती है। रोजा इफ्तार की दावतों में तो दोनों समुदायों के लोग सदभावना के दावे करते हैं, लेकिन जब सरवाड़ जैसी घटनाएं होती है तो दावा करने वाले कहीं भी नजर नहीं आते।