पदोन्नति में आरक्षण की गेंद अब सरकार के पाले में।

पदोन्नति में आरक्षण की गेंद अब सरकार के पाले में। जरूरी नहीं, पर राज्य सरकारें चाहे तो दें सकती हैं-सुप्रीम कोर्ट।
======
26  सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी वर्ग के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के मामले में निर्णय दे दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि राज्य सरकार चाहे तो लाभ दे सकती हैं। इसके साथ ही पीठ ने इस पूरे मामले को सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेजने से भी इंकर कर दिया तथा वर्ष 2006 में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं है। मालूम हो कि पूर्व में केन्द्र सरकार की ओर से आंकड़े जुटाने की बात कही गई थी। वर्ष 2006 में संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि एससी एसटी वर्ग के पिछड़े पन पर आंकड़े देने के लिए बाध्य है। केन्द्र सरकार ने यह क्रीमिलेयर के सिद्धांत को लागू नहीं कर कहा था कि कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है। सरकार का यह भी कहना रहा कि लाभ लेकर कोई अधिकारी उभर चुके हैं। लेकिन फिर भी जाति और पिछड़ेपन का ठप्पा अभी भी लगा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसलों पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार के पदोन्नति में आरक्षण देना ही चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकार के निर्णय लेने पर कोई रोक भी नहीं लगाई है।
एस.पी.मित्तल) (26-09-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
अपने वाट्सएप ग्रुप को 7976585247 नम्बर से जोड़े
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...