अजमेर में अब एक अक्टूबर से 50 प्रतिशत पानी की कटौती नहीं होगी।

अजमेर में अब एक अक्टूबर से 50 प्रतिशत पानी की कटौती नहीं होगी। देवनानी के  प्रयासों से मिली सफलता। बीसलपुर बांध में 20 दिनों में एक मीटर पानी आया। अभी भी जारी है पानी की आवक। सिंचाई के लिए न हो उपयोग।
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इसे अजमेर शहर और जिले के लोगों के लिए खुश खबरी ही कहा जाएगा कि एक अक्टूबर से पेयजल की सप्लाई में 50 प्रतिशत की कटौती नहीं होगी। बीसलपुर बांध में पानी की कमी को देखते हुए उच्च स्तर पर 50 प्रतिशत कटौती का निर्णय लिया गया था। 27 सितम्बर को अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक और प्रदश्ेा के स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि 50 प्रतिशत कटौती को स्थगित करने के लिए उनकी जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल से बात हुई। मेेरे आग्रह पर गोयल ने 50 प्रतिशत कटौती को स्थगित करने पर सहमति जताई। सरकार के इस निर्णय से अब अजमेर के नागरिकों को दो-तीन दिन में पेयजल की सप्लाई होती रहेगी। विभाग के इंजीनियरों से भी कहा गया है कि पेयजल सप्लाई का समय निश्चित किया जाए, ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो। फिलहाल 20 प्रतिशत की कटौती जारी रहेगी। देवनानी ने कहा कि इसे ईश्वर की कृपा ही कहा जाएगा कि बीसलपुर बांध में भी पिछले 20 दिनों में एक मीटर पानी की आवक हुई है। गत 7 सितम्बर को बांध का जल स्तर 309.10 मीटर मापा गया था जो 27 सितम्बर को बढ़कर 310.5 मीटर हो गया। चित्तौड़गढ़ जिले के गंभीरी बांध से बीसलपुर में पानी की आवक अभी भी जारी है। ब्राह्मणी नदी का पानी बीसलपुर बांध में लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। देवनानी ने कहा कि इस बार बीसलपुर बांध के भराव क्षेत्र में वर्षा नहीं हुई, इसलिए बांध में पानी नहीं आया चूंकि अजमेर के लिए बीसलपुर ही पेयजल का मुख्य और एक मात्र स्त्रोत है, इसलिए लोगों को भी पानी का उपयोग किफायत के साथ करना चाहिए। उनका प्रयास है कि अजमेर के लोगों को पेयजल का संकट नहीं हो। यदि बांध में पानी की आवक जारी रही तो अभी जो 20 प्रतिशत की कटौती की जा रही है, उसे भी खत्म या कम करवाया जाएगा।
हंैडपम्प खोदे जाएंगेः
देवनानी ने बताया कि अभावग्रस्त जगहों पर हैंडपम्प खोदे जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है।
सिंचाई के लिए पानी का उपयोग न होः
बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। मानसून में जब बांध पूरा भर जाता है, जब पेयजल सप्लाई के साथ टोंक जिले के कई स्थानों पर पानी का उपयोग सिंचाई के लिए भी होता है। 310 मीटर का जल स्तर होने तक सिंचाई के लिए पानी लिया जा सकता है। चूंकि इस बार मानसून का दौर समाप्त होने के बाद बांध का जलस्तर 310 मीटर ही है, इसलिए सिंचाई के लिए बांध से पानी नहीं लिया जाना चाहिए। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को मिल कर प्रयास करने चाहिए। साथ ही चम्बल नदी का पानी बीसलपुर बांध में लाने के प्रयास हो, ताकि पेयजल का स्थाई समाधान हो सकता है।
एस.पी.मित्तल) (27-09-18)
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