किशनगढ़ में सुरेश टांक और केकड़ी मे अनिल मित्तल ने लगाई राजनीति की तेज दौड़।

किशनगढ़ में सुरेश टांक और केकड़ी मे अनिल मित्तल ने लगाई राजनीति की तेज दौड़। अजमेर उत्तर में वासुदेव देवनानी ने स्वयं को भाजपा का उम्मीदवार माना।


हालांकि अभी भाजपा के उम्मीदवारों का निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन अजमेर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में टिकिट चाहने वालों ने जयपुर-दिल्ली तक की दौड़ लगा दी है। कहा जा रहा है कि 163 भाजपा विधायकों में से 100 के टिकिट कटेंगे, यही वजह है कि दूसरे नेता अब ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। केकड़ी में नगर पालिका के अध्यक्ष अनिल मित्तल ने अपना नाम तेजी से बढ़ाया है। लेकिन मित्तल की दावेदारी तभी है, जब वर्तमान विधायक शत्रुघ्न गौतम को टिकिट न मिले। मित्तल इस तथ्य को सार्वनिक तौर पर स्वीकार करते हैं कि तीन वर्ष पहले गौतम ने ही पालिकाध्यक्ष का पद दिलवाया, ऐसे में यदि गौतम को पुनः टिकिट मिलता है तो वे वफादारी के साथ काम करेंगे, लेकिन यदि किन्हीं कारणों से गौतम को टिकिट नहीं मिलता है तो फिर उनकी मजबूत दावेदारी है। पिछले तीन वर्षों में पालिकाध्यक्ष के पद पर रहते हुए मित्तल ने विकास के जो कार्य किए, उससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। मित्तल की पत्नी श्रीमती इंदु मित्तल भी चौरासी खाप की अध्यक्ष है जो सम्पूर्ण केकड़ी क्षेत्र की महिलाओं के बीच सक्रिय हैं। चुनावी हलचल में मित्तल ने जो राजनीति की जो दौड़ लगाई है उससे उनका नाम तेजी से उभरा है। पालिका का अध्यक्ष होने के कारण भी भाजपा के बड़े नेताओं को ध्यान मित्तल की ओर लगा हुआ है। चूंकि मित्तल व्यापारी वर्ग के हैं, इसलिए उनकी उम्मीदवारी से व्यापारी वर्ग भी उत्साहित है। भाजपा का साधारण कार्यकर्ता भी मित्तल को मजबूत उम्मीदवार मान रहा है। हालांकि भाजपा के लिए केकड़ी की सीट जीतना आसान नहीं है, क्योंकि हाल के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा यहां से 34 हजार मतों से पिछड़़ गई थी।
किशनगढ़ में टांक आगेः
किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष और नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेश टांक पूरे हक से भाजपा के टिकिट की मांग कर रहे हैं। टांक का कहना है पार्टी जिसे उम्मीदवार बनाएगी उसका समर्थन किया जाएगा, लेकिन टिकिट की मांग करने का अधिकार सबका है। इसमें किसी अन्य दावेदार को नाराज नहीं होने चाहिए। टांक की मेहनत को देखते हुए ही शीर्ष नेतृत्व ने 6 अक्टूबर को हुए भाजपा विधायकों, जिलाध्यक्षों, प्रमुख पदाधिकारियों के सम्मेलन का प्रभारी टांक को ही बनाया। सम्मेलन भी किशनगढ़ में मार्बल एसोसिएशन के सभागार में रखा गया। सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर सीएम वसुंधरा राजे तक उपस्थित रही। राष्ट्रीय महासचिव अविनाश राय खन्ना से लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी तक के सामने टांक को अपनी योग्यता दिखाने का पूरा अवसर मिला। टांक वर्तमान में नागौर जिले के प्रभारी भी हैं। टांक ने भी अपने टिकिट के लिए राजनीति की तेज दौड़ लगाई है। जातीय मकड़जाल में उलझे किशनगढ़ में टांक ने भाजपा के बड़े नेताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आज प्रदेश और राजस्थान से जुडे़ सभी राष्ट्रीय नेता टांक की काबिलियत से परिचित हैं। टांक के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें सुप्रसिद्ध आरके मार्बल और वंडर सीमेंट समूह के मालिक अशोक पाटनी का समर्थन है।
देवनानी ने स्वयं को माना उम्मीदवारः
अजमेर जिले में भाजपा के सात विधायक हैं। इनमें से अजमेर उत्तर के विधायक और स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो अपनी उम्मीदवारी को लेकर आश्वस्त हैं। यही वजह है कि चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही देवनानी ने प्रचार शुरू कर दिया। 6 अक्टूबर से पहले देवनानी विकास कार्यों के उद्घाटनों में व्यस्त थे तो अब विभिन्न समाजों की बैठक कर रहे हैं। सबसे पहली बैठक देवनानी ने 7 अक्टूबर की रात को सिंधी समाज की बैठक वैशाली नगर स्थित आनंदम समारोह स्थल पर हुई। देवनानी ने कहा कि चुनाव में अभी से मेहनत करनी है। मैंने पूरा प्रयास किया कि सबके कार्य हों, लेकिन फिर भी किसी का कार्य शेष है तो वह नोट कर लें। मैं जीतने के बाद सभी के कार्य करवा दूंगा। यदि किसी को नारागी है तो वह अभी मेरे सामने जाहिर कर दें। बाहर जाकर नाराजगी व्यक्त करने से माहौल बिगड़ता है। सिंधी समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने देवनानी को भरोसा दिलाया कि मदद में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। देवनानी के लिए सिंधी समुदाय एकजुट है। इस बैठक में हरीश गिदवानी पैनवाले, क्रॉसलेन होटल के मालिक छांगोमल जेठानी, पार्षद वीरेन्द्र वालिया, दीपेन्द्र लालवानी, विजय बेकरी के कमल साहनी, जेठानंद एंड कंपनी के सुरेश भाई, आहूजा प्रोपर्टी के आर के आहूजा, मदारगेट के मोती जेठानी, खारी कुई व्यापारिक एसोसिएशन के तुलसी मोटवानी, सरदार वालिया, महेश ईशरानी, कमल लालवानी आदि उपस्थित रहे। सिंधी समुदाय के प्र्र्रतिनिधियों ने अजमेर शहर में नगर निगम की दुकानों की लीज अवधि 99 वर्ष की करवाए जाने पर देवनानी का आभार जताया। इसे भी समुदाय की यह बैठक पूरी तरह चुनावी रंग में रंगी थी। बैठक में कोई डेढ़ सौ से भी ज्यादा सिंधी प्रतिनिधि मौजूद थें सभी ने देवनानी को जीताने का वायदा किया।

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