बाबर के वंशज प्रिंस याकूब तुसी सिर पर चरण पादूका रखकर अयोध्या पहुंचे। मंदिर निर्माण में देर न हो।
======
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनवाने के लिए मुगल शासक बाबर के वंशज प्रिंस याकूब तुसी 14 अक्टूबर को अपने सिर पर चरण पादूका रखकर अयोध्या पहुंचे। याकूब के साथ हिन्दू महासभा के स्वामी चक्रपाणि भी थे। इस मौके पर प्रिंस तुसी ने कहा कि यदि भगवान राम का मंदिर गिराकर कोई ढांचा बनाया गया है तो मैं माफी मांगता हंू। तुसी ने कहा कि इतिहास बताता है कि बावरी ढांचे का निर्माण मीर बाकी ने किया था। मुगल शासकों ने ऐसा कृत्य नहीं किया, इसलिए मैं अपने सिर पर चरण पादूका रखकर आया हंू। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मंदिर और मस्जिद का कोई विवाद नहीं है। यह विवाद भूमि के टाइटल का है। यदि इस भूमि को बावरी मस्जिद का माना जा रहा है तो मैं बावर का वंशज होने के नाते यह जमीन देने को तैयार हंू। उन्होंने बताया कि जमीन देने के सभी दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं और मैं शीघ्र ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलूंगा। हमारे संविधान में राष्ट्रपति को अधिकार है कि वे सुप्रीम कोर्ट को भी निर्देश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब अयोध्या में मंदिर का कोई विवाद ही नहीं है। मंदिर के निर्माण के समय मैं स्वयं सोने की ईंट रखकर निर्माण कार्य करुंगा। उन्होंने कहा कि मेरा किसी भी दल से संबंध नहीं है। मैं सच्चा हिन्दुस्तानी होने के नाते चाहता हंू कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने। इस संबंध में मैंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है। सरकार को अब किसी भी प्रकार से मंदिर निर्माण के लिए देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा संबंध अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह जफर से है, इसके न्यायालय के फैसले भी मेरे पास हैं। इसलिए मेरे कथन को सही माना जाना चाहिए।