राम मंदिर निर्माण पर कोर्ट जल्द फैसला दे-सीएम योगी।

राम मंदिर निर्माण पर कोर्ट जल्द फैसला दे-सीएम योगी।
अदालतें इस तरह फैसले न दें जो व्यवहारिक न हो-अमितशाह।
मंदिर पर 29 अक्टूबर को एससी में सुनवाई।
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अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर जब 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होनी है, जब दो दिन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ योगी और भाजपा के ताकतवर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के महत्वपूर्ण बयान सामने आए हैं। राजनीतिक हलकों में अब इन बयानों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण पर अदालत को जल्द निर्णय देना चाहिए। योगी ने यह भी कहा कि 6 नवम्बर को इस बार दीपावली पर्व वैसा ही मनेगा, जैसा त्रेतायुग में भगवान राम के अयोध्या आने पर मना था। वे स्वयं दीपावली मनाने के लिए अयोध्या में रहेंगे तथा तीन लाख दीप जलाए जाएंगे। एक ओर सीएम योगी जहां कोर्ट से जल्द फैसला देने और त्रेतायुग की तरह कलयुग में दीपावली माने की बात कह रहे हैं। केन्द्र और 20 राज्यों में शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि अदालतें ऐसा फैसला न दें जो व्यवहारिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो फैसला दिया है, उस संदर्भ में शाह ने कहा  कि आखिर आप 5 करोड़ भक्तों के विश्वास को कैसे तोड़ सकते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर केरल की वामपंथी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा केरल में भगवान अय्यपा के भक्तों के साथ खड़ी है। अमितशाह और सीएम योगी के कथनों का सुप्रीम कोर्ट पर कितना असर होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यूपी से लेकर दिल्ली तक राज करने वाली भाजपा ने अपने इरादें स्पष्ट कर दिए हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित पांच राज्यों के चुनावों पर भी इन बयानों का असर होगा। राजनीति के जानकारों के अनुसार योगी और शाह ने ऐसे बयान सोच समझ कर दिए हैं। इन बयानों के परिणाम पांच राज्यों के चुनावों के साथ-साथ अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भी सामने आएंगे। राजस्थान, एमपी और छत्तसीगढ़ जैसे हिन्दी भाषी राज्यों के विधानसभा चुनाव में तो सीएम योगी भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर नजरः
29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में मंदिर निर्माण पर शुरू होने वाली सुनवाई पर अब सबकी नजर है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने इस सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय नई बैंच का गठन किया है। इस बैंच में गोगई स्वयं तो होंगे ही, साथ ही जस्टिस संजय किशन कौल तथा केएम जोसिफ को भी रखा है। कोर्ट पहले ही कह चुका है कि उसके सामने भूमि विवाद का प्रकरण है। भूमि पर किसका हक है इसी पर फैसला होना है। कोर्ट के सामने अयोध्या में मंदिर पर मस्जिद निर्माण का कोई मामला विचाराधीन नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
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