तो क्या अब सचिन पायलट अजमेर से चुनाव लड़ेंगे? हरीश मीणा फैक्टर भी काम करेगा।
======
14 नवम्बर को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसी के साथ यह सवाल उठा है कि क्या पायलट अजमेर से चुनाव लड़ेंगे? यह तो तय है कि जिस विधानसभा क्षेत्र में पायलट की गुर्जर जाति के वोट ज्यादा होंगे वो उसी से चुनाव लड़ेंगे। अजमेर में नसीराबाद और मसूदा विधानसभा क्षेत्रों को गुर्जर बहुल्य माना जाता है। मसूदा में मुस्लिम मतदाता की संख्या भी ज्यादा है। ऐसे में नसीराबाद के मुकाबले मसूदा पायलट के लिए ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है। लेकिन वहीं नसीराबाद में कांग्रेस के गुर्जर उम्मीदवार लम्बे समय से जीतते आ रहे हैं, पहले गोविंद सिंह गुर्जर जीतते रहे और उसके बाद उन्हें परिवार के महेन्द्र सिंह गुर्जर और रामनारायण गुर्जर विधायक बने। चूंकि अजमेर पायलट का निर्वाचन क्षेत्र है। इसलिए पायलट नसीराबाद अथवा मसूदा से चुनाव लड़ सकते हैं। यदि पायलट उम्मीदवार होंगे तो जिले की आठों सीटों पर रोचक मुकाबला हो जाएगा। पायलट ने 2009 में लोकसभा का चुनाव अजमेर से जीता था, लेकिन 2014 में पायलट को हार का सामना करना पड़ा।
मीणा फैक्टर भी:
14 नवम्बर को ही दौसा के भाजपा सांसद हरीश मीणा को कांग्रेस में शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट के चुनाव लड़ने के मद्देनजर ही हरीश मीणा को कांगे्रस में शामिल किया गया है। दौसा से पायलट भी एक बार सांसद रह चुके हैं। दौसा और सवाई माधोपुर जिले में ऐसे कई विधानसभा क्षेत्र हैं जिन्हें गुर्जर और मीणा बहुल्य माना जाता है। जिस तरह हरीश मीणा को कांग्रेस में शामिल किया गया उससे इस बात का भी आभास होता है कि पायलट दौसा से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी पायलट ने इस बात के संकेत नहीं दिए हैं कि वे किस विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि 14 नवम्बर की रात अथवा 15 नवम्बर को कांग्रेस की जो पहली सूची जारी होगी उसमें सचिन पायलट का नाम भी शामिल होगा। ऐसे में अगले एक दो दिन में ही पायलट के निर्वाचन क्षेत्र का पता चल जाएगा। फिलहाल अजमेर और दौसा जिलों में पायलट की उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है।