भाजपा सांसद हरीश मीणा के कांग्रेस में शामिल होने से राजस्थान में भाजपा को चुनाव के वक्त बड़ा झटका। सत्ता में रहने की आदत।
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राजस्थान में जब सात दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, तब 14 नवम्बर को दौसा के भाजपा सांसद हरीश मीणा कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। भाजपा के लिए यह बड़ा झटका माना जाएगा। हरीश मीणा के कांग्रेस में शामिल होने पर संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने वालों की लाइन लगी हुई है क्योंकि सभी को कांग्रेस का शासन आता नजर आ रहा है। मीणा के शामिल होने से राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। मीणा ने कहा कि मैं बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हो रहा है। मैंने किसी स्थान से विधानसभा का चुनाव लड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं किया है। यह कांग्रेस नेतृत्व पर निर्भर है कि उनका उपयोग किस प्रकार किया जाता है।
किरोड़ी की काटः
माना जा रहा है कि डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा की काट के लिए हरीश मीणा को कांग्रेस में शामिल किया गया है। डाॅ. किरोड़ी पिछले दिनों ही भाजपा में शामिल हुए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में डाॅ. किरोड़ी को मात देने के लिए हरीश मीणा को दौसा से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। तब हरीश मीणा ने डाॅ. किरोड़ी के साथ कांग्रेस उम्मीदवार और अपने सगे भाई नमोनारायण मीणा को भी हराया। डाॅ. किरोड़ी के भाजपा में शामिल होने से हरीश मीणा स्वयं को उपेक्षित समझ रहे थे, इसलिए भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए। माना जा रहा है मीणा बहुल्य सवाई माधोपुर के किसी विधानसभा क्षेत्र से हरीश मीणा चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा का यह कहना बेनामी है कि हरीश मीणा के भाग जाने से भाजपा पर कोई फर्क न हीं पड़ेगा। भाजपा के नेताओं को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस को हराने के लिए ही 2014 में हरीश मीणा का इस्तेमाल किया था। जब हरीश मीणा भाजपा को लाभ पहुंचा सकते हैं तो कांग्रेस को फायदा क्यों नहीं पहुंचा सकते?
सत्ता की आदतः
हरीश मीणा को हमेशा सत्ता की आदत रही है। मीणा राजस्थान कैडर के आईपीएस रहे और लम्बे समय तक डीजीपी भी। अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए ही मीणा को डीजीपी बनाया था। 2013 के विधानसभा चुनाव के समय भाजपा की आपत्ति पर मीणा को डीजीपी के पद से लम्बी छुट्टी पर भेजा गया, सेवानिवृत्ती के बाद अशोक गहलोत को परे धकेलते हुए मीणा दौसा से भाजपा के उम्मीदवार हो गए। पांच वर्ष तक भाजपा के शासन में सत्ता की मलाई खाते रहे और अब जब भाजपा को जरुरत हुई तो भाग कर कांग्रेस में शामिल हो गए। हरीश मीणा को लगता है कि 7 दिसम्बर को होने वाले चुनाव में कांगेस की जीत होगी। मीणा का पूरा परिवार भी भाग्यशाली है। चार भाईयों में से दो आईपीएस और दो आईएएस रहे। नमोनारायण मीणा और हरीश मीणा प्रदेश के डीजीपी बने नमोनारायण तो कांगे्रस के शासन में केन्द्रीय मंत्री भी रहे। नमोनारायण गत बार भले ही दौसा से चुनाव हार गए हो, लेकिन सांसदी उनके घर में ही रही। चार भाईयों में नमोनारायण सबसे बड़े और हरीश सबसे छोटे भाई है। नमोनारायण हरीश को सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। दोनों भाई राजनीति के एक ही घर में आ गए हैं।
एस.पी.मित्तल) (14-11-18)
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