बीसलपुर बांध के पानी पर हो जाए इस बार अजमेर जिले का चुनाव।

बीसलपुर बांध के पानी पर हो जाए इस बार अजमेर जिले का चुनाव। भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार अपना रुख स्पष्ट करें। मतदाताओं को बेवकूफ नहीं समझे।
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राजस्थान का हृदय स्थल माने जाने वाले अजमेर का इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इन दिनों दो-तीन दिन में एक बार मात्र पौंन घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई इलाके ऐसे हैं, जहां चार पांच दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रहा है; ज्यों ज्यों बीसलपुर बांध में पानी की घटती जाएगी, त्यों त्यों अजमेर जिले में पेयजल संकट बढ़ जाएगा। हो सकता है 7 दिसम्बर को मतदान हो जाने के हालात और बिगड़ेंगे। सत्तारूढ़ भाजपा को ज्यादा नुकसान न हो, इसलिए पेयजल सप्लाई को नियंत्रित किया जा रहा है। चूंकि इस बार मानसून में बरसात कम हुई, इसलिए बीसलपुर बांध में पानी कम आया। यही वजह है कि सप्लाई में लगातार कटौती की जा रही है। बीसलपुर से अजमेर के साथ-साथ जयपुर को भी पानी दिया जा रहा है। बीसलपुर बांध से पानी लेकर जपुर को रोजाना सप्लाई दी जाती है, जबकि अजमेर में दो-तीन दिन में एक बार। सवाल उ ठता है कि जयपुर के मुकाबले अजमेर के साथ यह भेदभाव क्यों? अजमेर जिले की जनता ने देखा कि पूरे पांच साल भाजपा के विधायक इस मुद्दे पर चुप रहे। अजमेर के सातों भाजपा विधायकों ने इस उपेक्षा पर एक शब्द भी नहीं कहा। जबकि सात विधायकों में से चार मंत्री स्तर की सुविधा भोग रहे हैं। पिछले एक वर्ष से रघु शर्मा कांग्रेस के सांसद हैं और चार वर्ष रामनारायण गुर्जर नसीराबाद से कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन जयपुर के मुकाबले अजमेर की उपेक्षा पर कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी खामोश रहे। सवाल उठता है कि जब अजमेर के मतदाताओं के वोट से सांसद और विधायक बनते हैं, तब अजमेर के हित की बात क्यों नहीं करते? अजमेर जिले के लिए तो बीसलपुर बांध एक मात्र जल स्त्रोत है, जबकि जयपुर के पास तो अन्य स्त्रोत भी है। जब यह कहा जाता है कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर समान अधिकार है तो फिर अजमेर के मुकाबले में जयपुर को ज्यादा पानी क्यों दिया जा रहा है? अजमेर के मतदाताओं के सामने विधानसभा चुनाव को सुनहरा मौका है। जो लोग जनप्रतिनिधियों के व्यवहार की आलोचना करते हैं, उनकी भी जिम्मेदारी है कि वे चुनाव के मौके पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार को कटघरे में खड़ा करें। उसी उम्मीदवार कोवोट दिया जाए जो अजमेर के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने का संकल्प लें। यदि बीसलपुर बांध से पानी लेकर जयपुर को रोजाना पेयजल की सप्लाई की जा रही है तो अजमेर में भी ऐसा ही हो। बांध में पानी का अभाव बता कर अजमेर को तीन-चार दिन में एक बार सप्लाई होती है तो फिर यही नियम जयपुर पर भी लागू होना चाहिए। चूंकि पिछले कई वर्षों से अजमेर के कांग्रेस-भाजपा के जनप्रतिनिधि मतदाताओं को बेवकूफ बनाते आ रहे हैं। इसलिए अब मतदाताओं के हाथ में सही मौका आ गया है। यदि इस मौके को  गवां दिया तो फिर पांच वर्ष भुगतना पड़ेगा। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार अपने स्तर पर भी घोषणा करें कि वे बीसलपुर बांध के पानी पर पहला हक किसका मानते हैं। यदि यह चुनाव सिर्फ बीसलपुर बांध के पानी पर ही हो जाए तो अजमेर की सबसे बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा।
एस.पी.मित्तल) (20-11-18)
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