दबाव के बाद भी नहीं मान रहे भाजपा और कांग्रेस के बागी।

बाव के बाद भी नहीं मान रहे भाजपा और कांग्रेस के बागी।
कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी की शिकायत। 
टिकिट नहीं मिलने वालों को गहलोत ने लिखा पत्र।
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निर्वाचन विभाग ने सात दिसम्बर को होने वाले चुनाव के कार्यक्रम की जो अधिसूचना जारी की है उसके अनुरूप 22 नवम्बर को दोपहर तीन बजे तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। अजमेर जिले में भाजपा को किशनगढ़ और ब्यावर में तथा कांग्रेस को मसूदा, किशनगढ़ और अजमेर दक्षिण में बागियों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा को सबसे ज्यादा डर किशनगढ़ में है जहां प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेश टांक ने ही बागी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। टांक का नामांकन वापस करवाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश राय खन्ना आदि ने भी प्रयास किए, यहां तक कि आरके मार्बल संस्थान के मालिक अशोक पाटनी ने भी टांक पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया, लेकिन अभी तक भी टांक ने नामांकन वापस नहीं लिया है। टांक ने कहा कि वे अपनी मर्जी से उम्मीदवार नहीं बने हैं, बल्कि किशनगढ़ की जनता ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। आखिर किशनगढ़ के मतदाता कब तक जुल्म सहेंगे। किशनगढ़ में ही कांग्रेस के उम्मीदवार नंदाराम धाकण के खिलाफ पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया ने नामांकन दाखिल किया है। सिनोदिया को बैठाने के प्रयास हो रहे हैं। इसी प्रकार भाजपा को ब्यावर में भी बगावत का सामना करना पड रहा है। यहां अधिकृत प्रत्याशी शंकर सिंह रावत के सामने रावत समुदाय के कई उम्मीदवारों ने नामांकन नामांकन दाखिल कर दिया। जिन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया अब वे किसी के भी सम्पर्क में नहीं आ रहे हैं और मोबाइल भी स्वीच आॅफ कर दिए हैं। कांग्रेस को बगावत का सबसे बड़ा मुकाबला मसूदा विधानसभा क्षेत्र में करना पड़ रहा है। यहां सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पारीक कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी है, लेकिन पूर्व विधायक कय्यूम खान ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से नामांकन दाखिल कर दिया है। 21 नवम्बर तक सभी दबाव को नकाराते हुए खान उम्मीदवारी पर कायम हैं। यहां पूर्व संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत भी कांग्रेस के बागी हैं। अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी हेमंत भाटी के खिलाफ उन्हीं के भाई और पूर्व मंत्री ललित भाटी ने बगावत की है। 21 नवम्बर को ललित भाटी ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष एक शिकायत दर्ज करवाई है, इस शिकायत में कहा गया है कि हेमंत भाटी के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज है, लेकिन भाटी ने अपने शपथ पत्र में इस मुकदमे का उल्लेख नहीं किया है।  ललित भाटी पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नामांकन वापस ले लें।
गहलोत का पत्रः
कांग्रेस के जिन नेताओं विधानसभा चुनाव के लिए टिकिट की मांग की थी उनमें से अधिकांश को टिकिट नहीं मिला। जिन नेताओं को टिकिट नहीं मिला, उन्हें अब पूर्व सीएम और राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने पत्र लिखा है। ऐसा ही एक पत्र अजमेर उत्तर के दावेदार शैलेन्द्र अग्रवाल को भी प्राप्त हुआ है। गहलोत ने अपने इस पत्र में लिखा है कि चुनाव के समय सभी नेताओं को दावेदारी जताने का अधिकार है। लेकिन टिकिट एक ही व्यक्ति को मिलता है। जिन नेताओं को टिकिट नहीं मिला वे अब पूरी एकजुटता के साथ कांगे्रस के अधिकृत प्रत्याशी को जिताने का काम करें। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष के भाजपा के शासन में आम लोग त्रस्त हो गया है। भाजपा के पास उपलब्धियां गिनाने को कुछ भी नहीं है, जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के पास पिछली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां है। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सारकार की उपलब्धियों को सामने रखकर प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब कोई भी कार्यकर्ता नाराजगी नहीं जताएगा और पूरी ताकत से कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने का कार्य करेगा।
एस.पी.मित्तल) (21-11-18)
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