विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा भी हो गई और कुछ नहीं हुआ अयोध्या में।
by
Sp mittal
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November 25, 2018
विश्व हिन्दू परिषद की धर्मसभा भी हो गई और कुछ नहीं हुआ अयोध्या में। धरा रह गया प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया का प्रोपेगंडा।
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25 नवम्बर को तय कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से धर्मसभा हो गई। धर्मसभा को लेकर जो आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं, वे भी र्निमूल साबित हुई। विहिप के लाखों कार्यकर्ता 25 नवम्बर को हुंडदंग करेंगे। इस आशंका के मद्देनजर देश के प्रमुख टीवी चैनलों ने ओवी वैन के साथ डेरा जमा लिया था। प्रिंट मीडिया के दिग्गज पत्रकार भी मौजूद रहे। देशभर के पाठकों ने देखा कि चैनलों पर दिन भर अयोध्या से बहस होती रही। लेकिन 25 नवम्बर को अयोध्या में कुछ भी नहीं हुआ। मैं कोई अपनी पीठ नहीं थपथपा रहा, लेकिन 24 नवम्बर को मैंने भी विहिप की धर्मसभा को लेकर ब्लाॅग लिखा था। इसमें विहिप के केन्द्रीय मंत्री उमाशंकर के हवाले से लिखा गया था कि 25 नवम्बर को अयोध्या में पूरी तरह शांति रहेगी। धर्मसभा का मकसद राम मंदिर के लिए जनजागरण करना है। जिन पाठकों ने 24 नवम्बर का मेरा ब्लाॅग पढ़ा, उन्होंने देखा कि ब्लाॅग प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया की खबरों से अलग हट कर था। जिस सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का आरोप लगता है उसी सोशल मीडिया पर मेरा ब्लाॅग था। मेरा ब्लाॅग बता रहा है कि प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया पर तथ्यों से कैसी कैसी खबरें चलती हैं। कई टीवी चैनलों ने अयोध्या की उन मुस्लिम बस्तियों को दिखा दिया, जहां के लोग विहिप की सभा को देखते हुए अयोध्या छोड़ कर चले गए। कहा तो यही जाता है कि कैमरा झूठ नहीं बोलता, लेकिन प ाठकों और दर्शकों ने भी देखा कि कैमरा कुछ भी कर सकता है। विहिप की धर्मसभा में लाखों लोगों की उपस्थिति के बाद भी अयोध्या में अमन चैन और सुकून बना रहा।
11 दिसम्बर से 12 जनवरी के बीच होगा फैसलाः
धर्मसभा में स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर 11 दिसम्बर से 12 जनवरी के बीच फैसला हो जाएगा। इस संबंध में उनकी एक केन्द्रीय मंत्री से बात हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार भी मानती है कि अब देश की जनता मंदिर निर्माण में और इंतजार नहीं करेगी। देशभर के साधु संत मंदिर निर्माण के लिए तैयार बैठे हैं। सरकार को भी अब साधु संतों के धर्म की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जो लोग मंदिर का विरोध कर रहे हैं वे बताए कि भगवान राम का मंदिर यदि जन्म स्थान अयोध्या में नहीं बनेगा तो फिर कहां बनेगा? सुप्रीम कोर्ट को भी जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जल्द निमर्णय देना चाहिए।