सुप्रीम कोर्ट ने जब 17 मामलों में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया तो निर्भया के केस में फांसी की इतनी जल्दी क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने जब 17 मामलों में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया तो निर्भया के केस में फांसी की इतनी जल्दी क्यों?
दया याचिका के लिए मिली सात दिन की मोहलत।
डेथ वारंट भी जारी नहीं हो सका। 

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18 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया केस के आरोपी अक्षय कुमार की पुर्निविचार याचिका खारिज कर दी, लेकिन दया याचिका दायर करने के लिए सात दिन की मोहलत भी दे दी। यानि निर्भया के चारों बलात्कारियों एवं हत्यारों की फांसी एक सप्ताह के लिए टल गई है। आरोपियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि दया याचिका में उन 17 केसों का उल्लेख किया जाएगा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ही फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला है। ऐसे आरोपियों पर नाबालिग से बलात्कार और हत्या तक के मामले दर्ज हुए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने किसी न किसी कारण से फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। जब सुप्रीम कोर्ट 17 मामलों में फांसी की सजा को बदल सकता है, तो फिर निर्भया के केस में चारों आरोपियों को फांसी देने की इतनी जल्दी क्यों दिखाई जा रही है? वकील एपी सिंह ने यह भी कहा कि निर्भया के केस में पब्लिक प्रेशर है, इसलिए जल्दबाजी में निर्णय हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दया याचिका में आरोपियों को राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि निर्भया के आरोपी गरीब हैं, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द फांसी देेने का काम किया जा रहा है।
डेथ वारंट भी जारी नहीं हो सका।
उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से पुर्निविचार याचिका खारिज होने के बाद अधीनस्थ पटिलयाला कोर्ट से चारों आोपी मुकेश विनय, अक्षय और पवन के डेथ वारंट जारी हो जाएंगे। लेकिन 18 दिसम्बर को डेथ वारंट पर सुनवाई करते हुए पटियाला कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए डेथ वारंट जारी नहीं किया। अब इस मामले में पटियाला कोर्ट में 7 जनवरी को सुनवाई होगी। वकील एपी सिंह का कहना रहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका के लिए सात दिन की मौहलत दी है, तब पटियाला कोर्ट डेथ वारंट जारी नहीं कर सकती है।
जल्द मिले फांसी-मां :
18 दिसम्बर को आरोपी अक्षय कुमार की पुर्निविचार याचिका खारिज होने का स्वागत करते हुए निर्भया की मां ने कहा कि अब आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया की वजह से ही सात वर्ष तक आरोपी फांसी पर नहीं लटके हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश चाहता है कि निर्भया के बलात्कारी और हत्यारों को जल्दी से जल्दी फांसी मिल जाए। पिछले दिनों जब हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के बलात्कारियों को गोली से उड़ाया गया तब देश भर में प्रशंसा हुई थी। इसलिए अब निर्भया के चारों बलात्कारियों और हत्यारों को भी जल्दी से फांसी मिल जानी चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (18-12-19)
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