राजस्थान की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को सब जानते हैं-अशोक गहलोत।
सवाल कैसे होगा किसानों का 99 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ।
गहलोत और पायलट ने लिया जायजा।
========
अशोक गहलोत ने अभी राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ भी नहीं ली है कि इससे पहले ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता प्रकट कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि चुनावी घोषणा के मुताबिक किसानों के 99 हजार करोड़ रुपए के कर्जे कैसे माफ होंगे? 16 दिसम्बर को जयपुर में मीडिया से संवाद करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी नहीं है। भाजपा 10 दिन में कर्ज माफी की घोषणा का इंतजार कर रही है के सवाल पर गहलोत ने कहा कि भाजपा अब विपक्ष में है और उसे विपक्ष की प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए। लेकिन गहलोत ने कर्ज माफी पर कोई स्पष्ट और संतोषजक जबाव नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के दौरान जनसभाओं में कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मात्र 10 दिन में किसानों के कर्जे माफ कर दिए जाएंगे।
केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षाः
गहलोत ने उम्मीद जताई कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राजस्थान में कांग्रेस सरकार को पूर्ण सहयोग करेगी। कांग्रेस सरकार के साथ कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में जो योजाएं शुरू की गई थी उन्हें वसुंधरा राजे ने बंद कर दिया। रिफाइनरी के मामले में तो हमें बेवजह बदनाम किया गया। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे को 162 विधायकों का समर्थन मिला था, लेकिन उन्होंने सरकार चलाने में लापरवाही बरती। इस लापरवाही को ही कांग्रेस ने उजागर किया। आज हम सत्ता में हैं और वसुंधरा राजे विपक्ष में। यदि हम भी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे तो हमें भी बदल दिया जाएगा। मैं 24 घंटे 365 दिन जनता के बीच रहता हूं। मुझे कोई पद प्रभावित नहीं करता।
मीडिया से तालमेल:
16 दिसम्बर को गहलोत का मीडिया से अच्छा तालमेल दिखा। जहां वसुंधरा राजे मीडिया से संवाद नहीं करती थीं, वहीं गहलोत को मीडिया फ्रेंडली माना जाता है। अपनी इसी छवि के अनुरूप गहलोत जब शपथ ग्रहण की तैयारियों को देखने के लिए जयपुर के अल्बर्ट हाॅल परिसर में पहुंचे तो मीडिया से आराम से संवाद किया। अंत में पूछा कि आपका आज का चल जाएगा? असल में गहलोत को पता है कि जो रिपोर्टर फील्ड में काम करते है उन पर खबरों का कितना दबाव होता है। जबकि वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कभी भी मीडिया का सम्मान नहीं किया। उल्टे मीडिया को अपमानित करने का कार्य ही किया।
पायलट ने भी लिया जायजा:
17 दिसम्बर को जयपुर के अल्बर्ट हाॅल परिसर में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा मनोनीत उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी लिया। गहलोत के बाद पायलट अल्बर्ट हाॅल पहुंचे और अधिकारियों से समक्ष की बाहर से आने वाले वरिष्ठ नेता कहां बैठेंगे तथा शपथ ग्रहण किस स्थान पर होगा। इसी दौरान एक अधिकारी ने पायलट को निमंत्रण पत्र दिखाया लेकिन निमंत्रण पत्र की भाषा से पायलट संतुष्ट नजर नहीं आए। 17 दिसम्बर को गहलोत और पायलट की शपथ लेंगे। मंत्रियों की शपथ बाद में करवाई जाएगी। गहलोत और पायलट दोनों के साथ केकड़ी के विधायक रघु शर्मा भी थे।