अजमेर में दिखने लगा कांग्रेस राज का असर।
निगम के होर्डिंग पर लगे भाजपा के फ्लैक्स पर कांग्रेस ने लगाया बड़ा फ्लैक्स।
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हालांकि अभी राजस्थान में विधिवत तौर पर कांग्रेस सरकार का गठन नहीं हुआ है, लेकिन अजमेर में कांग्रेस के राज का असर दिखने लगा है। 11 दिसम्बर को अजमेर उत्तर से भाजपा उम्मीदवार वासुदेव देवनानी की जीत होने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने आगरा गेट चैराहे पर लगे नगर निगम के होर्डिंग पर देवनानी को बधाई देने वाला फ्लैक्स चस्पा कर दिया। 14 दिसम्बर को जब अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हो गई तो पूर्व विधायक डाॅ. गोपाल बाहेती के समर्थकों ने भाजपा वाले फ्लैक्स पर ही गहलोत और पायलट को बधाई देने वाला बड़ा फ्लैक्स लगा दिया। चूंकि अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है, इसलिए कांग्रेस का फ्लैक्स हटाने की हिम्मत किसी में भी नहीं है। हालांकि नगर निगम में भाजपा का कब्जा है, लेकिन निगम के अधिकारियों को भी पता है कि तबदलों में तो सरकार की ही चलेगी। इस पोस्टरवार का खामियाजा शहरवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को भी उठाना पड़ रहा है। निगम के होर्डिंग पर मार्ग निर्देशिका है। यानि यह होर्डिंग बताता है कि आगरा गेट चैराहे से रास्ते किधर किधर जा रहे हैं तथा महत्वपूर्ण स्थानों के लिए किस मार्ग पर जाना है। चूंकि अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर तीर्थ है इसलिए बाहर से आने वालों का तांता लगा रहता है। आगरा गेट चैराहा तो शहर का प्रमुख चैराहा है। भाजपा-कांगे्रस के फ्लैक्स लगने से शहर के अधिकांश मार्ग निर्देशिका वाले होर्डिंग दब गए हैं। असल में कांग्रेस को जश्न मनाने का अवसर पांच वर्ष बाद मिला है, इसलिए कोई भी नेता फ्लैक्स लगाने में पीछे नहीं है। चुनाव के दौरान तो आचार संहिता का पालन करते हुए कलेक्टर आरती डोगरा ने सख्ती से बेनर-फ्लैक्स आदि हटवा दिए, लेकिन अब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के जोश और सरकार के गठन को देखते हुए कलेक्टर डोगरा भी चुप हैं। जो फ्लैक्स मार्गों की सूचना देने वाले होर्डिंग पर लगे हैं। उन्हें तो कम से कम हटाया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों के नेताओं की भी यह जिम्मेदारी है कि ऐसे होर्डिंग पर फ्लैक्स न लगाएं।