आखिर वोट के लिए राजनेता राजनीति को कितना गिराएंगे।
राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने के संदर्भ में।
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हालांकि अब आम आदमी पार्टी ने कह दिया है कि दिल्ली विधानसभा में पूर्व पीएम राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न वापस लेने का कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। लेकिन इस पूरे प्रकरण में राजनीति का जो चेहरा सामने आया वह दुःखद है। सवाल उठता है कि राजनेता वोट की खातिर राजनीति का स्तर कितना गिराएंगे। आप के नेता तथ्यों को कितना भी छिपाए लेकिन दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही का जो वीडियो सामने आया है उससे साफ जाहिर है कि पूर्व पीएम स्वर्गीय राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था। सब जानते हैं कि दिल्ली में सिक्ख मतदाता काफी संख्या में है। श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या पर उनके पुत्र राजीव गांधी ने जो प्रतिक्रिया दी थी उससे सिक्ख मतादाता आज भी नाराज है। जिन परिवारों के सदस्यों की हत्या हुई उनमें तो कांग्रेस के प्रति अभी तक गुस्सा है। राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के पीछे सिक्ख मतदाताओं को आम आदमी पार्टी की ओर आकर्षित करना है। सब जानते है कि राजीव गांधी की भी हत्या हुई थी। उनके निधन के बाद इस तरह की राजनीति किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। 1984 के दंगों के आरोपियों को अदालत सजा दे रही है। सज्जन कुमार जैसे प्रभावशाली नेता को हाल ही में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। आम आदमी पार्टी एक राजनीतिक संगठन है, इसलिए उनके नेताओं को ऐसा कोई कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे देश का माहौल खराब होता हो। राजनीति में वोट हासिल करना ही सब कुछ नहीं है। समाज में समरसता बनी रही, यह जरूरी है। अपनी गलती को छिपाने के लिए आप के नेता एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं। अच्छा हो पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल सामने आ कर पूरे प्रकरण में खेद प्रकट करे और मामले को शांत करवाए। केजरीवाल को यह समझना चाहिए कि सिक्ख बहुल्य पंजाब में आज कांग्रेस की सरकार है और स्वर्गीय राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी ने भी पंजाब चुनाव में जमकर प्रचार किया था। यदि सभी सिक्खों में कांग्रेस के प्रति नाराजगी होती तो पंजाब में सरदार अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार नहीं बनती। राजनीति में बदलाव तेजी से होता है, लेकिन राजनीतिक दलों को मर्यादा को पालन करना चाहिए। एस.पी.मित्तल) (23-12-18)