ख्वाजा साहब की दरगाह में बरेलवी गतिविधियों का विरोध।

ख्वाजा साहब की दरगाह में बरेलवी गतिविधियों का विरोध। अंजुमन के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती ने दरगाह नाजिम को लिखा पत्र। नारेबाजी का वीडियो भी भेजा।
=========
अजमेर स्थित विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में बरेलवी सिलसिले की गतिविधियां होने पर दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती ने कड़ा ऐतराज जताया है। चिश्ती ने 2 जनवरी को दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि 31 दिसम्बर की रात को जब हजारों अकीदतमंद लोग दरगाह के अंदर जमा थे, तब बरेलवी विचारधारा के लोगों ने दरगाह की सूफी परंपरा के विरुद्ध नारे लगाए। चिश्ती ने पत्र में कहा कि नए वर्ष के मौके पर दरगाह में बड़ी संख्या में हिन्दू और सिक्ख समुदाय के लोग भी मौजूद थे। बरेलवी सिलसिले की नारेबाजी की रिपोर्ट दरगाह कमेटी के जमादार ने भी दी है तथा सीसीटीवी फुटेज में भी देखे जा सकते हैं। नाजिम को बताया गया कि  दो माह बाद ख्वाजा साहब का सालाना उर्स आ राह है। ऐसे में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाए। पूर्व में भी बरेली से ऐलान किया गया कि ख्वाजा साहब की दरगाह पर न जाए। चिश्ती ने पत्र में कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह की परंपराएं सूफी सिलसिले के अनुरूप है। दुनिया में ख्वाजा साहब का अपना एक मुकाम है। ऐसे में दरगाह के अंदर सूफी पंरपरा के अनुरूप ही गतिविधियां होनी चाहिए। दरगाह कमेटी को पत्र भेजने की पुष्टि करते हुए सरवर चिश्ती ने कहा कि दरगाह एक्ट के मुताबिक भी दरगाह की गतिविधियां सूफी सिलसिले के अनुरूप ही होनी चाहिए। यदि दरगाह में किसी अन्य सिलसिले की गतिविधियां होती है तो यह दरगाह कमेटी केन्द्र सरकार के अधीन काम करती है। इसलिए केन्द्र सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि दरगाह की परंपराओं की रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि बरेलवी गतिविधियों से ख्वाजा साहब को मानने वाले लोगों में रोष है। उन्होंने बताया कि 30 दिसम्बर को हैदराबाद में बरेलवी संगठन द्वारा आयोजित दावते इस्लामी के एक कार्यक्रम पर राज्य सरकार ने रोक लगाई थी। उन्होंने कहा कि वह खादिम समुदाय के प्रतिनिधि होने के नाते यह चाहते है कि दरगाह में सुकून कायम रहे। ख्वाजा ने सूफीवाद का जो पैगाम फैलाया आज देश में उसी की जरुरत है। सूफीवाद के माध्यम से ही हम समाज में भाईचारे को बढ़ावा दे सकते हैं। जब हम 21वीं सदी में जा रहे है। तब कट्टरवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। इस पूरे प्रकरण में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9549064746 पर सरवर चिश्ती से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (03-01-19)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...