जब कोरोना वायरस की धज्जियाँ उड़ रही है तो फिर राजस्थान के 13 जिले में रात्रि कालीन कर्फ्यू क्यों लगा रखा है? शाम सात बजे दुकान बंद होने से कारोबार पर बुरा असर। त्यौंहारी और शादी ब्याह के सीजन में ज्यादा परेशानी।

3 जनवरी को जयपुर में राज्य सरकार के धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले आठ माह में वे पहली बार किसी सार्वजनिक समारोह में शामिल हुए हैं। 8 माह सीएमआर में रहकर मैंने कोरोना मैनेजमेंट किया। जो मैनेजमेंट किया उसी का परिणाम रहा कोरोना वायरस की धज्जियाँ उड़ गई और अब प्रदेश में कोरोना खत्म हो रहा है। सवाल उठता है कि जब कोरोना की धज्जियाँ उड़ रही है, तब राजस्थान के 13 जिलों में अभी भी रात्रि कालीन कर्फ्यू क्यों लगा रखा है? इन 13 जिलों में रात 8 बजे प्रभावी होने वाले कर्फ्यू की वजह से व्यापारियों को अपनी दुकानें 7 बजे ही बंद करनी पड़ती है। लॉकडाउन की वजह से कारोबार का पहले ही बुरा हाल था, लेकिन अब रात्रि कालीन कर्फ्यू से और परेशानी हो रही है। यह सही है कि कोरोना का प्रकोप अब लगाता कम हो रहा है। इसलिए यह उम्मीद जताई जा रही थी कि 1 जनवरी से रात्रि कालीन कर्फ्यू समाप्त कर दिया जाएगा या फिर बाजारों को रात 10 बजे तक खुले रखने की छूट दी जाएगी। लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश के 13 जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू की अविध 15 जनवरी तक बढ़ा दी। सरकार के इस फैसले से व्यापारिक वर्ग में नाराजगी है। व्यापारियों का कहना है त्यौंहारी और शादी ब्याह के सीजन में रात 10 बजे तक दुकानें खुलने की छूट होनी चाहिए। इसको लेकर अनेक व्यापारिक संगठनों ने मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया है। ऐसे व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जब आधे से ज्यादा प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू समाप्त कर दिया गया है, तब 13 जिलों में भी कर्फ्यू को हटाया जाना चाहिए। सरकार हर क्षेत्र में पाबंदियों को हटा रही है। यहां तक कि पर्यटन स्थल भी खोल दिए गए हैं। धार्मिक स्थलों पर भीड़ देखने को मिल रही है। ऐसे में 13 जिलों के व्यापारियों को परेशान करना किसी भी दृष्टि में उचित नहीं है। सरकार ने कोरोना को लेकर जो भी जागरुकता के अभियान चलाए उसमें व्यापारियों ने पूरा सहयोग किया। आज भी बगैर मास्क वाले ग्राहक को सामग्री नहीं बेची जाती है। दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों को मास्क लगाए रखने के लिए पाबंद किया गया है। अब जब त्यौंहारों और शादी ब्याह का सीजन है तब शाम सात बजे दुकानें बंद करने से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। S.P.MITTAL BLOGGER (04-01-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogBlog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829

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