डिप्टी सीएम सचिन पायलट को अब गुर्जरों के आंदोलन में शामिल होना चाहिए-कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला।
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Sp mittal
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February 5, 2019
डिप्टी सीएम सचिन पायलट को अब गुर्जरों के आंदोलन में शामिल होना चाहिए-कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला।
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राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को अब गुर्जरों के आंदोलन में शामिल होना चाहिए। पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए गुर्जरों ने बहुत कुर्बानी दे दी है। गत विधानसभा के चुनाव में प्रदेश के गुर्जरों ने सचिन पायलट का चेहरा देख कर अपना काम कर दिया। अब पायलट का दायित्व बनता है कि वे अपनी जिम्मेदारी को निभाए। जब हम समाज के सहयोग से सत्ता की प्राप्ति करते हैं तो फिर समाज की समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए। पांच फरवरी को कर्नल बैंसला ने अजमेर के बांदनवाड़ा के निकट सांईमाला के देवनारायण मंदिर में गुर्जर समाज की पंचायत की। पंचायत से पहले नसीराबाद के देराठू चैराहे पर भाजपा नेता रोहित गुर्जर के नेतृत्व में कर्नल बैंसला का स्वागत किया गया। यहीं पर कर्नल ने पत्रकारों से संवाद किया। कर्नल बैंसला से सवाल था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने और सचिन पायलट के डिप्टी सीएम बनने के बाद भी गुर्जरों को आरक्षण के लिए आंदोलन क्यों करना पड़ रहा है? इस पर कर्नल बैंसला ने कहा कि पायलट को भी गुर्जरों के आंदोलन में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है तो फिर गरीब से गरीब गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पायलट की कोई राजनीति मजबूरी हो सकती है, लेकिन अब भी प्रदेश के गुर्जर समुदाय को पायलट पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि 8 फरवरी को सवाई माधोपुर में महापंचायत हो रही है जिसमें आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। इस बार वे सर पर कफन बांध कर निकले हैं। जब तक गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिलता तब तक वे सड़क पर ही डंटे रहेेंगे। हमने कांगे्रस और भाजपा दोनों की सरकारों के सामने बहुत मिन्नते कर ली है। अब हमारे पास आंदोलन का ही रास्ता है। इस आंदोलन की जिम्मेदारी सरकार की है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार कांग्रेस की है या भाजपा की। गुर्जर समुदाय को हर हाल में आरक्षण मिलना चाहिए।
पंचायत में अपेक्षित भीड़ नहीं:
पांच फरवरी को सांईमाला के देवनारायण मंदिर में कर्नल बैंसला ने जो पंचायत की उसमें अपेक्षित भीड़ नहीं जुट पाई। लेकिन कर्नल बैंसला के हौंसलों में कोई कमी नहीं थी। कर्नल ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस बार सवाई माधोपुर में आरपार की लड़ाई होगी। पंचायत में कांग्रेस के अधिकांश नेता नजर नहीं आए, जबकि भाजपा के शासन में कांग्रेस के नेता कर्नल बैंसला के साथ खड़े रहे थे। असल में अब कांग्रेस के नेता नहीं चाहते कि कर्नल बैंसला का आंदोलन जोर पकड़े।