नागौर के शिवम अस्पताल पर बिना आॅपरेशन के भामाशाह योजना में 35 हजार रुपए उठाने के आरोपों की जांच होगी।

नागौर के शिवम अस्पताल पर बिना आॅपरेशन के भामाशाह योजना में 35 हजार रुपए उठाने के आरोपों की जांच होगी। अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को गलत बताया। 
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अस्पताल में मरीज का आॅपरेशन हुआ ही नहीं और सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य योजना से 35 हजार रुपए वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। यह मामला राजस्थान के नागौर के शिवम अस्पताल का है। नागौर के ही मुकेश नाम के एक शिक्षक ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सु कुमार कश्यप और पुलिस अधीक्षक को लिखित में एक शिकायत दी है। इस शिकायत में कहा गया है कि गत 27 जनवरी को उसने अपनी पत्नी राजूदेवी को डिलीवरी के लिए शिवम अस्पताल में भर्ती करवाया और तब इलाज के खर्च के लिए अपना भामाशाह कार्ड भी दिया। अस्पताल के मालिक डाॅ रामलाल कृषक का कहना रहा कि भामाशाह कार्ड का लाभ लेने के लिए पति के हस्ताक्षर और फोटो भी चाहिए। मैंने वो ही किया जो डाॅ. कृषक ने कहा। डिलीवरी के बाद डाॅ. कृषक ने 20 हजार रुपए की मांग की। मैंने जब भामाशाह कार्ड के बारे में कहा था तो डाॅ. कृषक ने इंकार कर दिया। मजबूरन मुझे अस्पताल में 15 हजार रुपए जमा करवाने पड़े। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि मेरे भामाशाह कार्ड पर शिवम अस्पताल ने 35 हजार रुपए प्राप्त कर लिए हैं। यह राशि मेरी पत्नी की डिलीवरी की नहीं बल्कि मेरे पथरी के आॅपरेशन की है। मुझे इस बात का ताज्जुब रहा कि मैंने तो शिवम अस्पताल में कोई आॅपरेशन करवाया ही नहीं तो फिर भामाशाह कार्ड पर अस्पताल को 35 हजार रुपए कैसे मिल गए? मुकेश ने अपनी शिकायत के साथ ईमित्र  से निकाला वो दस्तावेज भी लगाया जिसमें पता चलता है कि पथरी के आॅपरेशन के अस्पताल को 35 हजार रुपए मिले हैं। साथ ही स्वयं की सोनोग्राफी आदि भी लगाई है। जिससे प्रतीत होता है कि उसके शरीर में कोई आॅपरेशन नहीं हुआ है। मुकेश ने कहा कि यह कृत्य सरासर सरकारी धन का दुरुपयोग है। वे किसी भी मेडिकल बोर्ड से जांच करवाने को तैयार है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9413213030 पर मुकेश टोगस से प्राप्त की जा सकती है।
जांच होगी डाॅ. कश्यप:
नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सु कुमार कश्यप ने माना कि शिवम अस्पताल के खिलाफ मुकेश की शिकायत प्राप्त हुई है। यह बहुत गंभीर मामला है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। यदि शिकायत सही पाई गई तो अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। वहीं नागौर के पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देशों पर मामले की जांच कर रहे कोतवाली थाने के सब इंस्पेक्टर कानाराम ने बताया कि इस मामले में मेडिकल बोर्ड का गठन करवा कर जांच करवाने के लिए चिकित्सा विभाग को लिखा जा रहा है। चिकित्सा विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद ही पुलिस आपराधिक मुकदमा दर्ज करेगी।
आरोप गलत डाॅ. कृषक:
वहीं दूसरी ओर शिवम अस्पताल के मालिक डाॅ. रामलाल कृषक ने मुकेश के आरोपों को गलत बताया है। डाॅ. कृषक ने कहा कि मुकेश ने भी पथरी का आॅपरेशन कराया तथा उसके गुर्दे में स्टेंट भी लगाए गए हैं। भामाशाह योजना में इलाज का खर्च प्राप्त करने के लिए पूरी प्रक्रिया है। मुकेश ने अस्पताल में उस प्रक्रिया को पूरा किया है। यदि आॅपरेशन नहीं होता तो हमारे पास मुकेश के अंगूठे का निशान, फोटो आदि कहां से आते। अस्पताल में मुकेश की पत्नी की डिलीवरी भी आॅपरेशन से हुई। हमने रात दो बजे मेहनत कर शिशु और मां को बचाया। अब हम पर ही गलत इल्जाम लगाए जा रहे है। डाॅ. कृषक ने कहा कि यह सब साजिश व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता की वजह से हो रही है। शिकायतकर्ता मुकेश टोगस हिन्द शिक्षा समूह के स्कूल में कार्यरत है और यह समूह ही नागौर में मरुधर अस्पताल का संचालन करता है। पूर्व में मैंने भी मरुधर अस्पताल में 9 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी है। अब मैंने अपना अलग अस्पताल खोल लिया है। कुछ लोगों को मेरी सफलता रास नहीं आ रही है। इसलिए अस्पताल पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। वे किसी भी जांच के लिए तैयार है। वे सेवा की भावना से चिकित्सक का काम करते हैं। नियमों के तहत ही अस्पताल का संचालन किया जाता है।
एस.पी.मित्तल) (08-02-19)
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