अजमेर के संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार के चयन में दूदू को भी मिले प्राथमिकता।

अजमेर के संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार के चयन में दूदू को भी मिले प्राथमिकता।
दस वर्षों तक प्रधान रहे और भाजपा की राजनीति में सक्रिय रामेश्वर कड़वा ने भी दावेदारी जताई।
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अजमेर संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार के चयन में दोनों प्रमुख दल हमेशा दूदू विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा करते हैं। उम्मीदवार के चयन में हमेशा ही अजमेर जिले के नेता को प्राथमिकता दी जाती है। संसदीय क्षेत्र के लिए जब भी उम्मीदवारों की चर्चा होती है तो अजमेर जिले के नेताओं के नाम ही छाए रहते हैं। जबकि अजमेर संसदीय क्षेत्र के दूदू विधानसभा में सर्वाधिक ढाई लाख से भी ज्यादा मतदाता है। यही वजह है कि इस बार दूदू के दिग्गज भाजपा नेता रामेश्वर प्रसाद कड़वा (जाट) ने लोकसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी जताई है। दूदू विधानसभा क्षेत्र एससी वर्ग के लिए आरक्षित है, इसलिए कड़वा विधायक नहीं बन सके। अन्यथा दूदू में मतदाताओं पर सबसे मजबूत पकड कड़वा की है। यही वजह है कि पूर्व में कड़वा दस वर्षो तक दूदू पंचायत समिति के प्रधान रहे और जब प्रधान का पद महिला के लिए आरक्षित हो गया तो अब कड़वा की पुत्रवधु पंचायत समिति की प्रधान हैं। कड़वा स्वयं भी लम्बे अर्से से भाजपा में दूदू मंडल के अध्यक्ष रहे हैं। संगठन को जब भी भीड़ जुटाने की आवश्यकता होती है तब सबसे पहले कड़वा को ही याद किया जाता है।  पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी पता है कि कांगे्रस के ताकतवर नेता बाबूलाल नागर से कड़वा ही मुकाबला कर सकते हैं। नागर की राजनीतिक ताकत का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि हाल ही के विधानसभा चुनाव में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते हैं। कड़वा का तर्क है कि दूदू में नागर की ताकत को वे ही चुनौती दे सकते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सांवरलाल जाट को सर्वाधिक बढ़त दूदू से ही मिली थी। जाट को भी कड़वा की ताकत के बारे में पता था। कड़वा का यह भी तर्क है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में तीन लाख से भी ज्यादा जाट मतदाता हैं और जाट समुदाय में उनकी निर्विवाद छवि है। उन्हें जाट ही नहीं बल्कि सर्वसमाज का समर्थन है। संसदीय क्षेत्र में जाट समाज के ऐसे भाजपा नेता भी टिकिट मांग रहे हैं जो पूर्व सांसद और विधायक रहे चुके हैं। जबकि मजबूत स्थिति होने के बाद भी कड़वा को विधायक या सांसद बनने का अवसर नहीं मिला। इससे उनके समर्थकों में मायूसी रहती है। दूदू विधानसभा क्षेत्र प्रशासनिक दृष्टि से अजमेर के बजाए जयपुर जिले में आता है और राजनीति में इसी का दंड दूदू के नेता भुगते हैं। कड़वा के समर्थकों का कहना है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के जितने भी नेता दावेदार हैं उन सबमें कड़वा की राजनीतिक पृष्ठ भूमि सबसे मजबूत है। कड़वा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रशिक्षित कार्यकर्ता भी हैं। यही वजह है कि संघ के पदाधिकारियों में भी कड़वा को समर्थन बताया जा रहा है। दूदू के अधिकांश भाजपा पदाधिकारी कड़वा के साथ हैं। प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी से लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे तक को दूदू के नेताओं ने अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है। कड़वा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के प्रति सकारात्मक माहौल है। सांसद बनने के बाद में अजमेर शहर में निवास करेंग। संसदीय क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता से उनका लगातार सम्पर्क बना हुआ है। आम कार्यकर्ता भी मोबाइल नम्बर 9413317805 व 8005914713 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
एस.पी.मित्तल) (08-02-19)
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