टीवी चैनलों पर पाकिस्तानी पत्रकारों और भारतीय फिल्म उद्योग में कलाकारों की एंट्री भी बंद हो।

टीवी चैनलों पर पाकिस्तानी पत्रकारों और भारतीय फिल्म उद्योग में कलाकारों की एंट्री भी बंद हो।
भारत से मोटी रकम कमाने वाले पाकिस्तानी पुलवामा हमले की निंदा क्यों नहीं करते? 
सिद्धू का शर्मनाक बयान।
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15 फरवरी को टीवी चैनलों पर उन परिवारों के हृदय विदारक दृश्य दिखाए गए, जिनके सदस्यों की शहादत 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में हुई। टीवी पर दृश्य देखने वालों की आंखों में भी आसंू थे। अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहीद परिवार के सदस्यों मां, पत्नी, बेटी, बेटा, पिता आदि की स्थिति क्या रही होगी। देश के ऐसे गमगीन माहौल में किसी टीवी चैनल पर कोई पाकिस्तानी पत्रकार हमारे ही सुरक्षा बलों पर अंगुली उठाए तो कैसा लगेगा? देश के आम नागरिक की भावनाओं को न्यूज चैनल के मालिकों को भी समझना चाहिए। अच्छा हो कि चैनलों पर बहस के दौरान पाकिस्तान के किसी पत्रकार या आतंकियों के हिमायतियों को नहीं बैठाया जावे। माना कि भारत की प्रेस को अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन प्रेस खास कर न्यूज चैनलों को देशवासियों की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए। इसी प्रकार भारत के फिल्म और मनोरंजन उद्योग में जो लोग पाकिस्तानी कलाकारों को काम दे रहे हैं, उन्हें भी ऐसे कलाकारों पर रोक लगानी चाहिए। भारत में काम के वो ही हकदार है जो भारत के प्रति सहानुभूति रखते हैं। ऐसे कलाकारों को करोड़ों रुपए देने से कोई फायदा नहीं जो हमारे 45 जवानों की शहादत पर जश्न मनाते हों। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि हमारे फिल्म उद्योग से करोड़ों रुपए कमाने वाले किसी भी पाकिस्तानी ने पुलवामा हमले की निंदा नहीं की। यह बात अब कोई मायने नहीं रखती कि कला और संस्कृति की वजह से दोनों देशों के संबंधों में सुधार होगा। ऐसे तर्क देते हुए 70 वर्ष गुजर गए, लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी भारत के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार नहीं किया। जिन कथित कलाकारों को पाकिस्तान में अपनी कला के लिए एक हजार रुपए का पारिश्रमिक भी नहीं मिल रहा है उन्हें भारत के फिल्म और मनोरंजन उद्योग में करोड़ों रुपए दिए जा रहे हैं। सवाल उठता है कि जिन पाकिस्तानियों की आतंकियों के साथ सहानुभूति है उन्हें हमारा फिल्म उद्योग मालामाल क्यों कर रहा है? हो सकता है कि भारत से पैसा कमा कर आतंकियों को ही दिया जा रहा हो? जो लोग पाकिस्तानी कलाकारों के हिमायती है वे जरा पुलवामा के शहीदों के परिवारों की स्थिति देख लें। मुझे पता है कि भारत में अनेक लोग पाकिस्तानी कलाकारों के समर्थन में खड़े हो जाएंगे। असल में ऐसे लोग ही भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार को भी चाहिए कि पाकिस्तानी कलाकारों को तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने के आदेश दे। जब तक पाकिस्तान पर हर मोर्चे पर मार नहीं की जाएगी तब तक पाकिस्तान को समझ नहीं आएगी।
सिद्धू का शर्मनाक बयान:
एक ओर पुलवामा हमले पर पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है, तब कांग्रेस के नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ वार्ता करनी चाहिए। सिद्धू ने कहा कि गोलियों से कश्मीर समस्या का हल नहीं हो सकता है। सिद्धू ने हमले की निंदा तो की लेकिन इस मुद्दे पर पाकिस्तान को पाक साफ कहा। सिद्धू का यह बयान बेहद ही शर्मनाक माना जा रहा है। गंभीर बात ये है कि पंजाब विधानसभा में पाकिस्तान से वार्ता नहीं करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। सिद्धू उसी पंजाब सरकार के मंत्री हैं। पंजाब की कांग्रेस सरकार के सीएम सरदार अमरेन्द्र सिंह ने पाकिस्तान की जमकर आलोचना की है।
एस.पी.मित्तल) (15-02-19)
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