आसान नहीं होता जूनियर इंजीनियर से डिस्काॅम का एमडी बनना।

आसान नहीं होता जूनियर इंजीनियर से डिस्काॅम का एमडी बनना।
पर वीएस भाटी ने यह सफलता हासिल की।
गहलोत सरकार की योजनाओं पर अमल होगा।
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16 फरवरी को इंजीनियर वीएस भाटी ने अजमेर विद्युत वितरण निगम (डिस्काॅम) के प्रबंध निदेशक का पदभार संभाल लिया। डिस्काॅम का एमडी बनते ही भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सभी योजनाओं की क्रियान्विति जल्द से जल्द करवाई जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजनाओं का लाभ जरुरतमंद तक पहुंचे। सरकार ने उन पर जो भरोसा जताया है उस पर वे खरा उतरेंगे। हालांकि प्रदेश के 13 जिलों में बिजली प्रबंधन का कार्य चुनौती पूर्ण है, लेकिन डिस्काॅम के साथी इंजीनियरों को साथ लेकर वे चुनौती को स्वीकार करेंगे। उनका प्रयास होगा कि बिजली चोरी और छीजत को कम करें और बकाया राजस्व की वसूली सख्ती के साथ की जाए। भाटी ने डिस्काॅम से जुड़े लाखों उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया है कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करवाया जाएगा। शिकायतों की निगरानी वे स्वयं करेंगे। जनप्रतिनिधियों को भी पूरा सम्मान दिया जाएगा।
जूनियर इंजीनियर से एमडी तक:
भाटी अजमेर में ही जूनियर इंजीनियर के तौर पर बिजली महकमे में नियुक्त हुए थे। बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारी अजमेर के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खेल प्रशासक स्व. मूलचंद च ौहान के दामाद हैं। भाटी की पत्नी श्रीमती मधु च ौहान अजमेर में ही आयकर अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। जूनियर इंजीनियर से डिस्काॅम के एमडी के पद तक पहुंचना आसान नहीं होता है। भाटी ने अपने कार्य की बदौलत हर सरकार में सफलता हासिल की। भाटी वर्तमान में डिस्काॅम के ही चीफ इंजीनियर हैं। अब जब सेवानिवृत्ति में 6 माह शेष थे, तब सरकार ने एक वर्ष के लिए डिस्काॅम का एमडी नियुक्त कर दिया है। डिस्काॅम के एमडी का चयन मुख्यमंत्री के स्तर पर होता है। उम्मीद है कि मौजूदा सरकार में भाटी के कार्यकाल में वृद्धि हो जाएगी, क्योंकि भाटी को निगम के काम काज की पूरी जानकारी है। जो इंजीनियर काम चोर और बेईमान हैं उनके बारे में भी भाटी को पता है। भाटी को एमडी बनाने का निर्णय जिस सर्वोच्च स्तर पर हुआ है उसे देखते हुए अब अजमेर डिस्काॅम में फेरबदल होगा। ईमानदारी के साथ काम नहीं करने वाले अफसर और इंजीनियरों को अजमेर से हटना होगा।  टांग खींचने और उपभोक्ताओं को परेशान करने वाले इंजीनियरों को भी हटना होगा। भाटी ने डिस्काॅम में जो सफलता हासिल की है उसके लिए मोबाइल नम्बर 9829032509 पर बधाई दी जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (16-02-19)
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