तो पाकिस्तान की सेना सोती रह गई। 

तो पाकिस्तान की सेना सोती रह गई। 
हमारे विमानों ने पीओके में आतंकियों के अड्डे नष्ट कर दिए।
पाकिस्तान में हड़कंप।
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14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 45 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारत की सेना को कह दिया है। इसके बाद अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत बड़ी कार्यवाही की सोच रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कहा कि यदि भारत ने हमला किया तो हम करारा जवाब देंगे। इन सब बयानों से जाहिर था कि भारतीय सेना पाकिस्तान में रह रहे आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगी। इसलिए पाकिस्तान की सेना को भी अलर्ट माना गया। लेकिन सवाल उठता है कि 26 फरवरी को तड़के जब भारतीय वायु सेना के 12 मिराज विमानों ने पाक के कब्जे वाले मुज्जफराबाद, बालाकोट और चकोटी में एक हजार किलो के बम 21 मिनट तक बरसाए, तब पाकिस्तान की फौज क्या कर रही थी? हमारे विमानों को बम बरसाने के लिए पाकिस्तान की सीमा में 80 किलोमीटर तक घुसना पड़ा। हमारे जांबाज पायलट और शाक्तिशाली विमान हमला कर सकुशल लौट आए। पाकिस्तान के जो नेता और सेना प्रमुख बाजवा हमारी सेना को परमाणु बम दिखा कर डराते थे, उनकी ओर से एक गोली भी हमारे विमानों पर नहीं चलाई गई। कहा तो यही जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना सोती रह गई और हमारे सैनिकों कमाल कर दिया।
हमारे रक्षा मंत्रालय ने इस कार्यवाही के बाद कहा कि भारत ने पाकिस्तान में उन ठिकानों को नष्ट किया है, जहां से भारत के खिलाफ आतंक की कार्यवाही होती थी। यानि भारत ने अपनी सुरक्षा के लिए यह कार्यवाही की है। सूत्रों की माने तो भारतीय सेना की बमबमारी ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने नष्ट हो गए हैं। इस बमबारी में कोई चार सौ आतंकी और उनके समर्थक भी मारे गए हैं। 14 फरवरी को पुलवामा में जो आत्मघाती हमला हुआ उसकी जिम्मेदारी इसी संगठन ने ली थी। अभी यह पता नहीं चला है कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया अजहर मसूद इस हमले में मारा गया या नहीं। लेकिन कहा जा रहा है कि इस हमले में जैश के कई कमांडर और मसूद का साला यूसुफ अजहर मार गया है। कश्मीर में जो भी आतंक की कार्यवाही होती है उसका संचालन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने से ही होता है। भारत की इस कार्यवाही से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। 26 फरवरी को ही पाकिस्तान की संसद में इमरान खान के खिलाफ नारे लगाए गए। उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी को ही इमरान ने कहा था कि शांति के लिए भारत को एक और अवसर देना चाहिए। लेकिन भारत ने 26 फरवरी के तड़के सैन्य कार्यवाही करके पुलवामा हमले का बदला ले लिया। पुलवामा में हमारे 45 जवान शहीद हुए थे। पीओके  में 26 फरवरी को कोई चार सौ आतंकी और उनके समर्थक मारे गए हैं।
एस.पी.मित्तल) (26-02-19)
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