मंत्री पुत्र को लोकसभा चुनाव का टिकिट दिलवाने के लिए अजमेर कांग्रेस में तमाशा।
सीएम गहलोत भी तो दिलवा रहे हैं अपने पुत्र को टिकिट।
रघु शर्मा की चुप्पी पर आश्चर्य।
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जब सत्ता छप्पर फाड़ कर मिलती है तो राजनेता चकाचैंध हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के परिवार में हो रहा है। शर्मा ने जनवरी 2018 में अजमेर से लोकसभा का उपचुनाव जीता और दिसम्बर में केकड़ी से विधानसभा का चुनाव भी जीत लिया। शर्मा अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार में चिकित्सा मंत्री है, लेकिन उन्हें लगता है कि सत्ता का उपयोग उन्हीं के परिवार के सदस्य करें। इसलिए अब अपने बेटे सागर शर्मा का नाम लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के लिए चलवा दिया। मजे की बात है कि मंत्री का पुत्र अभी मुश्किल से 25 वर्ष का ही है। हालांकि रघु शर्मा स्वयं चार बार विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। लेकिन अब जब छप्पर फाड कर मिल रहा है तब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अधिकांश कार्यकर्ता की जिन्दगी दरी बिछाने और समेटने में ही गुर्जर जाती है, लेकिन रघु शर्मा चाहते हैं कि 25 वर्ष की उम्र में ही उनका बेटा सांसद बन जाए। रघु के समर्थकों को इसमें कोई एतराज नजर नहीं आता। समर्थकों का कहना है कि जब सीएम अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत के लिए प्रयासरत हैं तो फिर रघु के पुत्र पर एतराज क्यों? हर नेता चाहता है उसका पुत्र ही राजनीति की विरासत संभाले। पुत्र मोह में अजमेर कांग्रेस में तमाशा हो रहा है। रघु के खास समर्थक माने जाने वाले अजमेर दक्षिण क्षेत्र के विधानसभा अध्यक्ष लोकेन्द्र शर्मा ने चार मार्च को अजमेर की एक होटल में युवक कांगे्रस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पुत्र को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। संकल्प लिया गया कि मंत्री पुत्र के लिए दिल्ली तक नेताओं के घरों पर दस्तक दी जाएगी। ऐसी बैठक और ऐसे प्रस्ताव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को ही हंसी आ रही है। वहीं शहर युवक कांग्रेस के दोनों अध्यक्ष नवीन कच्छावा व सैय्यद कुतुब चिश्ती तथा एनएसयूआई के अध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा है कि हमें बैठक की कोई जानकारी नहीं है। अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों की गैर मौजूदगी में हुई बैठक क्या मायने रखती है? इसका जवाब रघु शर्मा ही दे सकते हैं। अलबत्ता रघु शर्मा की ऐसी सक्रियता से कांग्रेस के बड़े नेेता नाराज हैं।
रघु की चुप्पीः
अजमेर कांग्रेस में जो भी तमाशा हो रहा है उस पर रघु शर्मा ने चुप्पी साथ रखी हैं। यह बात अलग है कि अपने पुत्र को प्रोजेक्ट करने में रघु कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अजमेर और केकड़ी के सरकारी दौरे में रघु शर्मा अपने पुत्र को साथ रखते हैं तथा सरकारी समारोहों के मंचों पर भी साथ बैठाते हैं। राज्य सरकार की किसान कर्जमाफी के प्रमाण पत्र भी केकड़ी में मंत्री पुत्र ही बांट रहे हैं। केकडी और अजमेर के चिकित्सा विभाग एवं अन्य विभागों के अफसरों को पहले मंत्री पुत्र से ही बात करनी होती है। केकड़ में तो पुत्र के आदेश को ही मंत्री का आदेश माना जा रहा है।