अजमेर में कांग्रेसियों को झगड़ता देख आखिर क्यों चुप रहे डिप्टी सीएम सचिन पायलट?
by
Sp mittal
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March 14, 2019
अजमेर में कांग्रेसियों को झगड़ता देख आखिर क्यों चुप रहे डिप्टी सीएम सचिन पायलट?
पहले भी कर चुके हैं ऐसा।
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13 मार्च अजमेर के पुलिस लाइन मैदान पर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश टंडन के बीच जो विवाद हुआ, वह 14 मार्च के अखबारों में प्रमुखता से छापा। विवाद की खबर के साथ जो फोटो प्रकाशित हुआ, वह अजमेर में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की राजनीति को दर्शाता है। फोटो से साफ जाहिर है जब च ौधरी और टंडन के बीच तू-तड़ाक हो रही थी, तब पायलट अपनी ठोड़ी पर हाथ रख कर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे। पायलट ने दोनों नेताओं को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। जब पायलट पूरा मजा ले चुके, तब दोनों नेताओं को झगड़ता हुआ छोड़ कर चले गए। पायलट का चुप रहना, यह जाहिर करता है कि जब च ौधरी और टंडन आपस में झगड़ रहे थे, तब पायलट को बहुत सुकून मिल रहा था। सब जानते हैं कि पायलट के साथ अजमेर के नेताओं के संबंध कैसे रहे हैं? अजमेर के कांग्रेसियों की वजह से पायलट को अजमेर से वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव हारना पड़ा। पायलट तब केन्द्र में मंत्री थे। केन्द्र में मंत्री रहते समय एक लाख 75 हजार मतों की हार की पीड़ा को पायलट ने ही सहन किया। अजमेर के कई कांगे्रसियों ने खुली बगावत कर पायलट को हरवाया। पायलट अपनी उस हार को आज तक नहीं भूले हैं। यही वजह रही कि जब 13 मार्च को अजमेर में च ौधरी और टंडन ने एक दूसरे के खिलाफ बोला तो पायलट के दिल को बहुत ठंडक मिली। पायलट को तो कुछ कहने की जरुरत ही नहीं थी। जब दुश्मन आपस में ही लड़ रहे हो तो फिर पायलट के लिए इससे खास बात और क्या हो सकती थी। यदि पायलट को संगठन की चिंता होती तो दोनों वरिष्ठ नेताओं को इस तरह झगड़ने नहीं देते। वैसे भी सत्तारुढ़ पार्टी के लिए यह अफसोसनाक बात है कि डिप्टी सीएम की मौजूदगी में वरिष्ठ नेता आपस में झगड़ रहे हैं। यह भी तब जब कांग्रेस की ओर से प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है।
पूर्व में भी हुई है ऐसी घटना:
13 मार्च को पहला मौका नहीं रहा, जब पायलट के सामने अजमेर के दो कांग्रेसी नेता भिड़े। प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव के बाद पायलट के जयपुर वाले आवास पर भी अजमेर के वरिष्ठ नेता इसी तरह उलझे थे। तब भी पायलट तमाशबीन बने रहे। अजमेर के कांग्रेसी माने या नहीं लेकिन पायलट अभी 2014 की हार को नहीं भूले हैं। अजमेर के कांग्रेसी नेता जब जब भी झगड़ते हैं तो उन्हें सुकून महसूस होता है। इस समय तो पायलट डिप्टी सीएम के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में सभी कांग्रेसी कुछ प्राप्ति की उम्मीद लगाए बैठे हैं।