अब इमरान खान ने बोली भारत के विपक्षी नेताओं की भाषा।
करतारपुर का नाम खालिस्तान स्टेशन रखने का सुझाव।
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26 फरवरी को पाकिस्तान पर हुई हमारी वायुसेना की एयर स्ट्राइक को लेकर कांगे्रस सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने जो आरोप लगाए, वैसी ही बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही है। इमरान ने कहा कि भारत में चुनाव हो रहे हैं, इसलिए मौजूदा सरकार एयर स्ट्राइक जैसे हथकंडे अपना रही है। चुनाव के बाद नई सरकार से वार्ता की जाएगी। इमरान खान को भी लगता है कि चुनाव में नरेन्द्र मोदी की भाजपा की हार हो जाएगी। असल में एयर स्ट्राइक पर हमारे विपक्षी दल भी मोदी पर आरोप लगा रहे हैं। बार बार कहा जा रहा है कि लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए मोदी सरकार ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करवाई है। यानि विपक्षी दलों के नेताओं और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की भाषा एक सी है। ऐसे में हमारी वायु सेना के उन जांबाज पायलटों एवं जवानों पर क्या गुजर रही होगी, जिन्होंने जान जोखिम में डाल कर पाकिस्तान में 80 किलोमीटर घुसकर बम बरसाए। हमारे सभी जवान सकुशल लौट आए। भारतीय वायु सेना की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करना वाकई बहादुरी का काम रहा, लेकिन देश के विपक्षी नेता इसे चुनाव से जोड़ रहे हैं। सब जानते हैं कि 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद भारत को 26 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्यवाही करनी पड़ी थी। वैसे भी अच्छे कार्य का श्रेय मौजूदा सरकार को ही मिलता है। 14 फरवरी के पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार की चैतरफा आलोचना हो रही थी, तब सरकार के लिए सख्त कार्यवाही किया जाना जरूरी था। तब हालात इतने खराब थे कि मोदी के 56 इंच के सीने पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। अब जब पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्यवाही कर दी तो विपक्ष ने इसे चुनाव से जोड़ दिया। माना कि राजनीति में सभी तरह के आरोप लगाए जा सकते हैं, लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़े विषयों पर राजनेताओं को सोच समझ कर बोलना चाहिए। अब इमरान खान के रेल मंत्री ने सुझाव दे दिया है कि पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब का नाम खालिस्तान स्टेशन रख दिया जाना चाहिए। हमारे विपक्षी दलों के नेताओं को यह समझना चाहिए कि जब पाकिस्तान हर बार भारत को चिढ़ाने और जख्म देने वाले कार्य करता है तब पाकिस्तान की हिमायत क्यों की जाती है? क्या कुछ नेता पाकिस्तान की हिमायत कर भारत में चुनाव जीतना चाहते हैं? यदि पाकिस्तान की प्रशंसा कर चुनाव जीतते हैं तो फिर भारत के भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है? सिक्ख समुदाय के धार्मिक स्थल करतारपुर का नाम खालिस्तान स्टेशन रखने जैसा सुझाव भारत को खुलेआम चिढ़ाने वाला है। अब कांग्रेस के नेताओं को इस पर जवाब देना चाहिए, क्योंकि खालिस्तान आंदोलन में ही पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी को अपनी जान गवानी पड़ी थी।