बाहरी प्रत्याशी का अजमेर भाजपा में भी विरोध।

बाहरी प्रत्याशी का अजमेर भाजपा में भी विरोध।
दावेदारों ने हाईकमान को अपनी भावनाओं से अवगत करवाया।
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अजमेर संसदीय क्षेत्र से जिस प्रकार कांग्रेस में बाहरी प्रत्याशी का विरोध हो रहा है उसी प्रकार अब भाजपा में भी विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। हालांकि उम्मीदवार का चयन अब अंतिम चरण में हैं और माना जा रहा है कि होली पर्व के बाद घोषणा हो जाएगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बाहरी प्रत्याशियों के नाम आने से स्थानीय दावेदारों में रोष है। चित्तौड़ जिले में राजनीति करने वाले और दो माह पहले ही निम्बाहेड़ा से विधानसभा का चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी और गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की पुत्री श्रीमती सुनीता गुर्जर का नाम अचानक सामने आने से अजमेर के अनेक भाजपा नेताओं ने दिल्ली तक दौड़ लगाई है। सुनीता गुर्जर भारतीय राजस्वय सेवा की अधिकारी हैं और नौकरी से इस्तीफा देकर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए उनके पिता कर्नल बैंसला पूरी ताकत लगा रहे हैं। भाजपा के कई बड़े नेताओं से कर्नल बैंसला का सीधा संवाद हैं। इसी प्रकार कृपलानी दो दिन पहले ही पूर्व मंत्री यूनुस खान के साथ संसदीय क्षेत्र में आए और भाजपा नेताओं का मन टटोला। बाहरी प्रत्याशियों की गतिविधियों से अब अजमेर के दावेदार एक जुट हो रहे हैं। ऐसे दावेदारों का कहना है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र भाजपा के लिए सुरक्षित है, इसलिए बाहरी प्रत्याशी को भेजने के बजाए स्थानीय कार्यकर्ता को ही उम्मीदवार बनाया जाए। सभी दावेदारों ने एकजुटता दिखाते हुए हाईकमान से कहा है कि सभी जातियों के दावेदार अजमेर में उपलब्ध हैं। यदि अजमेर के किसी नेता को उम्मीदवार बनाया जाता है तो सभी नेता और कार्यकर्ता मिलकर लोकसभा के चुनाव में काम करेंगे। यदि सुनीता गुर्जर को उम्मीदवार बनाया जा रहा है तो अजमेर में गुर्जर समुदाय से ओम प्रकाश भडाना का नाम सर्वाधिक उपयुक्त है। भडाना इस समय भाजपा के ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पूर्व में जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। गुर्जर समुदाय को एकजुट करने में भडाना की महत्वपूर्ण भूमिका है। गत विधानसभा चुनाव से पहले भडाना ने प्रदेश के ओबीसी वर्ग के लोगों का एक महाकुंभ करवाया था, इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने भी शिकरत की थी। भडाना की छवि राजनीति में साफ सुथरी मानी जाती है। कृपलानी के बराबर ही भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी भी राजनीतिक हैसियत रखते हैं। देवनानी लगातार चार बार उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं और दो बार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे हैं। देवनानी की पहचान सम्पूर्ण संसदीय क्षेत्र में एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर है। अजमेर संसदीय क्षेत्र को जाट बहुल्य माना जाता है। यही वजह है कि भाजपा में जाट समुदाय के कई दावेदार हैं। किशनगढ़ पूर्व विधायक भागीरथ च ौधरी, हाल ही में विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे युवा नेता डाॅ. विकास च ौधरी, पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गेना, दूदू के प्रधान रहे रामेश्वर कड़वा, डाॅ. दीपक भाकर आदि भी मजबूत उम्मीदवार हैं। इसी प्रकार वैश्य समुदाय में पूर्व जिला प्रमुख पूखराज पहाड़िया, अजमेर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, सुभाष काबरा आदि भी हैं। राजपूत समुदाय में भंवर सिंह पलाड़ा मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ब्राह्मण समुदाय में देहात भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत मजबूत उम्मीदवार हैं। सारस्वत गत पांच वर्षों से जिला अध्यक्ष के तौर पर राजनीति में सक्रिय हैं। इसी प्रकार आईटी के विशेषज्ञ आशीष चतुर्वेदी भी अजमेर से दावेदारी जता रहे हैं। केकड़ी के पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम भी दावेदार हैं। जब अजमेर में ही भाजपा के पास पर्याप्त संख्या में मजबूत दावेदार हैं तो फिर अजमेर में भाजपा का बाहरी प्रत्याशी क्यों थोपा जरा है? यह बात यही है कि चुनाव की दृष्टि से भाजपा के लिए अजमेर सुरक्षित है। आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर भाजपा के विधायक हैं, जबकि दो पर निर्दलीय तथा दो पर कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि जनवरी 2018 में हुए लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी, लेकिन दस माह बाद हुए विधानसभा के चुनाव में कांगे्रस को अजमेर संसदीय क्षेत्र से बुरी हार का सामना करना पड़ा।  भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर से लेकर पूर्व सीएम श्रीमती वसुंधरा राजे तक से अजमेर के नेताओं के सम्पर्क हैं। सभी नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए स्थानीय को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की है।
भूल सुधारः
17 मार्च को ब्लाॅग संख्या 5292 में साॅफ्टवेयर की त्रुटि की वजह से किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश टांक की 29 हजार मतों से जीत बताई गई। जबकि टांक करीब 16 हजार मतों से विजय हुए हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी विकास च ौधरी 65 हजार 226 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे।
एस.पी.मित्तल) (18-03-19)
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