राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश के पांच करोड़ परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना देंगे।

राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश के पांच करोड़ परिवारों को 72 हजार रुपए सालाना देंगे।
यानि प्रतिवर्ष 3 लाख 60 हजार करोड रुपए मुफ्त में बांट देंगे।
पर राहुल की यह स्कीम समझ से परे।
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25 मार्च को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस काॅन्फ्रेंस की। हर कीमत पर लोकसभा चुनाव जीतने के मद्देनजर राहुल ने घोषणा की कि यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो देश के सबसे गरीब पांच करोड़ परिवारों को प्रतिवर्ष 72 हजार रुपए का नकद भुगतान किया जाएगा। यह राशि पात्र परिवार के मुखिया के बैंक खाते में सीधे डाली जाएगी। स्वभाविक है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री होंगे। इसलिए राहुल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमीर परिवारों का कर्जा माफ कर सकते हैं तो मैं गरीब परिवारों को 72 हजार रुपए की राशि क्यों नहीं दे सकता? राहुल ने जब यह घोषणा की तब मीडिया से यह भी कहा कि आप लोग चकरा गए हैं, लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हंूं कि ऐसा करके रहूंगा। राजस्थान मध्यप्रदेश, छत्तसीगढ़ के विधानसभा चुनाव में मैंने किसानों के कर्जे माफ करने की घोषणा की थी। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के कर्जे माफ हो गए। असल में मैं गरीबों के साथ हूं और नरेन्द्र मोदी अमीरों के। प्रेस काॅन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने 72 हजार रुपए वाली स्कीम को लेकर सवाल किए तो राहुल ने कहा कि ज्यादा जानकारी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम से ली जा सकती है। क्योंकि यह स्कीम चिदम्बरम ने ही बनाई है। यह बात अलग है कि प्रेस काॅन्फ्रेंस में चिदम्बरम उपस्थित नहीं थे। राहुल ने 72 हजार रुपए वाली जो घोषणा की, वह फिलहाल आर्थिक क्षेत्र के जानकारों के भी समझ में नहीं आ रही है। क्योंकि स्कीम की घोषणा के साथ ही राहुल ने 12 हजार रुपए न्यूनतम आय निर्धारित कर दी। राहुल ने खुद कहा कि यदि किसी गरीब परिवार की आय 6 हजार रुपए मासिक होगी तो 6 हजार रुपए की मदद सरकार करेगी। यानि 12 हजार रुपए आय की गारंटी सरकार की होगी। यदि किसी परिवार की आय आठ हजार रुपए हैं तो फिर सरकार चार हजार रुपए का ही भुगतान करेगी। ऐसे में 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष का आंकड़ा कहां से आया यह अभी पता नहीं चला है। सबसे बड़ा सवाल 5 करोड़ गरीब परिवारों का चयन करने का है। यदि किसी परिवार में पांच सदस्य हैं तो उसकी मासिक आय का निर्धारण कैसे होगा?
तीन लाख साठ हजार करोड़ रुपए की जरुरतः
सुप्रसिद्ध चार्टेटेड अकाउंटेंट अजीत अग्रवाल ने बताया कि यदि पांच करोड़ परिवारों को प्रति वर्ष 72 हजार रुपए की राशि दी जाती है तो सरकार को प्रतिवर्ष तीन लाख साठ हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। यह राशि वर्ष 2019 में प्रस्तावित रक्षा बजट की राशि के लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि तीन लाख साठ हजार करोड़ रुपए मुफ्त में बांटने के लिए सरकार यह राशि कहां से लाएगी यह बड़ा सवाल है। उन्हांेने कहा कि सरकार को लोगों की आय बढ़ाने के उपाए करने चाहिए। गरीबों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत किया जाए यह अच्छी बात है, लेकिन इसके साथ ही करदाताओं के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए। सरकार को जब भी धनराशि की जरुरत होती है तो वह टैक्स में वृद्धि कर देती है। यह उन लोगों के साथ अन्याय है जो टैक्स के रूप में सरकार को भुगतान करते हैं। सरकार को सभी वर्गों के लिए समान नीति अपनानी चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (25-03-19)
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