तो यह राहुल गांधी का राजनीति स्तर प्रधानमंत्री पद के बराबर करना है।
अमेठी के साथ केरल के वायनाड़ से भी चुनाव लड़ेंगे।
सीपीआई-एम का खुला विरोध।
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कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं यह तो राजनीति के गर्भ में हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के राजनीतिक कद प्रधानमंत्री पद के बराबर करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत 31 मार्च को कांग्रेस ने घोषणा की कि राहुल गांधी यूपी के अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड़ संसदीय क्षेत्र से भी चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस का तर्क है कि उत्तर और दक्षिण की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने के लिए राहुल गांधी को एक साथ दो क्षेत्रों से चुनाव लड़वाया जा रहा है। वायनाड़ संसदीय क्षेत्र दक्षिण भारत के तीन प्रदेश तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक से जुड़ा हुआ है। ऐसे में राहुल की उम्मीदवारी खास मायने रखती है। दो संसदीय क्षेत्रों से चुनाव लड़ने पर राहुल का राजनीतिक स्तर प्रधानमंत्री पद के बराबर होता है या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने में राहुल के सामने अनेक बाधाएं हैं। एनडीए में तो नरेन्द्र मोदी के नाम पर चुनाव पूर्व सर्वसम्मति है, लेकिन यूपीए तथा सहयोगी दलों में राहुल गांधी के नाम पर सहमति नहीं है। यूपी में सपा और बसपा सहमत नहीं है तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने राहुल को बच्चा करार दे दिया है। उड़ीसा में नवीन पटनायक सरकार भी पक्ष में नहीं है। देश विरोधी बयान देने वाली नेशनल कांग्रेस, वामदल आदि जरूर राहुल को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में हैं। अभी यह भी देखना होगा कि चुनाव के बाद कांग्रेस को कितनी सीटें मिलती है। तीन राज्यों में सरकार बनने से कांग्रेस और राहुल गांधी कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं। देखना होगा कि चुनाव परिणाम के बाद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनवाने के मुद्दे पर मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल आदि की क्या प्रतिक्रिया होती है। कांग्रेस चहाती है कि एनडीए को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में राहुल गांधी को ही प्रधानमंत्री बनाया जाए। राहुल गांधी जिस तरह से 72 हजार रुपए प्रतिवर्ष देने जैसी घोषणाएं कर रहे हैं उससे राहुल स्वयं को अभी से ही प्रधानमंत्री मान कर चल रहे हैं। हालांकि अब भाजपा का कहना है कि अमेठी में हार के डर से राहुल गांधी केरल से भी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि नरेन्द्र मोदी दो स्थानों से चुनाव लड़ सकते हैं तो राहुल गांधी क्यों नहीं।
सीपीआई-एम का खुला विरोधः
राहुल गांधी की वायनाड़ से उम्मीदवारी का केरल के सीएम पी विजयन और सीपीआई-एम के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने खुला विरोध किया है। दोनों ने कहा कि हम राहुल को वायनाड़ में हराने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की बात करते है और दूसरी ओर हमारे ही गढ़ में आ चुनाव लड़ रहे हैं।