तो अजमेर में लग गई सचिन पायलट और रघु शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर। रिजु के नामांकन पर नहीं आए डेयरी अध्यक्ष चौधरी और किशनगढ़ के विधायक सुरेश टाक। दो बार नामांकन, 90 करोड़ की आय दर्शाई। विज्ञापन में मसूदा विधायक का फोटो नहीं। भाजपा विधायक देवनानी ने लगाया आचार संहिता उल्लंघन का आरोप।
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9 अप्रैल को अजमेर संसदीय क्षेत्र से तीन हजार करोड़ रुपए के कारोबारी रिजु झुनझुनवाला ने कांगे्रस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। इसी के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। जानकारों की माने तो राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने पायलट और रघु ने ही रिजु को जीताने की गारंटी ली है। तभी से दोनों अजमेर से अपनी उम्मीदवारी से बच सके। राहुल के सामने दोनों ने दावा किया है कि जिस प्रकार जनवरी 2018 में अजमेर से लोकसभा का चुनाव जीता, उसी प्रकार रिजु को भी जीतवा देंगे।
रिजु की सास पूर्व मंत्री बीना काक भी चुनावी सभाओं में कह रही हैं कि हम तो भीलवाड़ा से चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन पायलट और रघु अजमेर में ले आए। यह सही है कि उपचुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्रों में कांगे्रस उम्मीदवार रघु शर्मा को बढ़त मिली थी, लेकिन दस माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र दो सीटों पर ही जीत मिली। स्वयं रघु शर्मा भी केकड़ी से मात्र 19 हजार मतों से जीत पाए, जबकि उपचुनाव में केकड़ी से 34 हजार मतों की बढ़त थी। दूदू और किशनगढ़ में तो कांगे्रस उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई। मसूदा से राकेश पारीक जीते, लेकिन यह जीत मात्र तीन हजार 374 मतों से थी, जबकि उपचुनाव में कांग्रेस की बढ़त 6 हजार 293 मतों की रही। अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, पुष्कर और नसीराबाद में तो कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। किशनगढ़ में उपचुनाव में 4 हजार 781 मतों की बढ़त थी, जो विधानसभा चुनाव में जमानत जब्ती में तब्दील हो गई। कांग्रेस के लिए यह शर्मनाक बात रही कि प्रत्याशी नंदाराम धाकण को मात्र 15 हजार 175 मत मिले। धाकण से ज्यादा तो कांगे्रस के बागी नाथुराम सिनोदिया 22 हजार 821 मत ले गए। सिनोदिया को अभी तक भी शामिल नहीं किया गया । यानि कांग्रेस की स्थिति विधानसभा चुनाव वाली ही बनी हुई है। अजमेर उत्तर से लोकसभा उपचुनाव में कांगे्रस को 6 हजार 975 मतों की बढ़त थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में 8 हजार 630 मतों से भाजपा उम्मीदवार वासुदेव देवनानी विजयी हुए। अजमेर दक्षिण से उपचुनाव में कांग्रेस को 13 हजार 70 मतों की बढ़त थी, लेकिन विधानसभा के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अनिता भदेल 5 हजार 700 मतों से विजयी हुई। पुष्कर से उपचुनाव में 9 हजार 412 मतों की बढ़त थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेश रावत 9 हजार 389 मतों से विजयी रहे। नसीराबाद उपचुनाव में कांग्रेस की बढ़त 1530 मतों की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लाम्बा 16 हजार 684 मतों से विजयी हुए। कांग्रेस के जो नेता लोकसभा उपचुनाव के आंकड़े सामने रख कर रिजु की जीत का दावा कर रहे हैं उन्हें विधानसभा चुनाव के परिणाम और आंकड़े देख लेने चाहिए।
चौधरी और टाक नहीं आए:
कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला को 9 अप्रैल को ही नामांकन के मौके पर तब झटका लगा, जब किशनगढ़ के विधायक सुरेश टाक और अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी मौजूद नहीं रहे। सुरेश टाक उन निर्दलीय विधायकों में शामिल है, जिन्होंने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के मौके पर टाक की उपस्थिति नहीं रहना दर्शाता है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को भी चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल किया गया था, लेकिन नामांकन के मौके पर चौधरी भी नजर नहीं आए। सूत्रों की माने तो टाक और चौधरी को नामांकन के मौके पर लाने के लिए संगठन की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए। माना जाता है कि ऐसा प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के दिशा निर्देशों के तहत किया गया।
दो बार नामांकन:
कांग्रेस प्रत्याशी ने 9 अप्रैल को निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दो बार नामांकन प्रस्तुत किया। सुबह 11 बजे तथा दोपहर करीब डेढ़ बजे नामांकन दाखिल किए गए। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार ज्योतिष ने दो बार नामांकन की सलाह दी थी। नामांकन के समय रिजु झुनझुनवाला की सास बीना काक और पत्नी भी उपस्थित रहीं।
90 करोड़ की व्यक्तिगत आय:
रिजु ने अपने नामांकन में स्वयं की आय 90 करोड़ रुपए दर्शाई है। यह आय रिजु की व्यक्तिगत आय है। रिजु एलएनजे समूह के प्रबंध निदेशक भी हैं। इस समूह की कई कंपनियां करीब तीन हजार करोड़ रुपए का कारोबार करती हैं। इनमें भीलवाड़ा की मयूर सूटिंग और पावर प्लांट आदि शामिल हैं।
गहलोत, पायलट, पांडे आदि आए:
हालांकि नामांकन के समय तो कोई बड़ा नेता उपस्थित नहीं रहा, लेकिन विजय लक्ष्मी पार्क में आयोजित सभा को सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा आदि भी संबोधित कर रहे हैं। चूंकि गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत का नामांकन भरवाने के बाद अजमेर आए इसलिए कार्यकर्ताओं को लम्बा इतजार करना पड़ा। धूप की वजह से कार्यकर्ताओं को ज्यादा परेशानी हुई। पार्क में चुनावी सभा प्रात: 11 बजे से ही शुरू हो गई थी। अजमेर संसदीय क्षेत्र के सभी कांगे्रस नेताओं ने भाषण दिए। कोई साढ़े तीन बजे बड़े नेता सभा स्थल पर पहुंचे।
पारीक समर्थकों में नाराजगी:
कांग्रेस प्रत्याशी रिजु के नामांकन को लेकर 9 अप्रैल को दैनिक समाचार पत्रों में शहर और देहात कांगे्रस कमेटी की ओर से एक विज्ञापन जारी किया गया। इस विज्ञापन में कमेटियों के अध्यक्ष तक के फोटो लगाए गए, लेकिन मसूदा के विधायक और सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पारीक का फोटो नहीं था। हालांकि पारीक नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ मौजूद रहे, लेकिन पारीक के समर्थकों ने फोटो नहीं होने पर नाराजगी रही। समर्थकों ने आरोप लगाया कि देहात कांग्रेस कमेटी के प्रमुख पादधिकारी की शह पर हमारे विधायक का फोटो नहीं लगाया गया है।
आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप:
भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला पर आचार संहिता का आरोप लगाया है। देवनानी ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 लगी हुई है और किसी भी प्रत्याशी के साथ पांच समर्थकों से ज्यादा को प्रवेश नहीं दिया जाता है। यही नियम भाजपा के प्रत्याशी के नामांकन के समय भी लागू किया गया। लेकिन 9 अप्रैल को जब कांग्रेस प्रत्याशी झुनझुनवाला ने नामांकन दाखिल किया तो बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर मौजूद थे। स्वयं प्रत्याशी भी जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे थे। देवनानी ने इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी विश्वमोहन शर्मा तथा पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह को शिकायत की है। देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करने की मांग की।