मन और दिमाग की संतुष्टि पुस्तक पढऩे से होती है, पर लेखकों को चुनौतियों का भी ध्यान रखना होगा।

मन और दिमाग की संतुष्टि पुस्तक पढऩे से होती है, पर लेखकों को चुनौतियों का भी ध्यान रखना होगा। अजमेर में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन।
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अजमेर के पटेल मैदान पर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। इसके लिए वातानुकूलित पंडाल भी बनाया गया है। 14 अप्रैल से शुरू हुआ यह मेला 22 अप्रैल तक चलेगा। न्यास की ओर 15 अप्रैल को मौजूदा दौर में पुस्तकों के भविष्य पर एक परिचर्चा हुई। इस परिचर्चा में मुझे मुख्यवक्ता के तौर पर बोलने का अवसर मिला। मेरा कहना रहा कि हम टीवी या सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फार्मो पर चाहे जितना साहित्य देख और सुन लें, लेकिन मन और दिमाग की संतुष्टि तो पुस्तक को पढऩे से होती हैं, लोकिन इसके साथ ही लेखकों को अब मौजूदा चुनौतियों को ध्यान में रखकर पुस्तकें लिखनी होंगी। जब कामकाजी लोगों को टीवी और सोशल मीडिया से ही फुर्सत नहीं मिल रही है, तब पुस्तकों को कौन पढ़ेगा? पुस्तकों में अब ऐसी सामग्री हो जो लोगों के काम की हो। पुस्तकों की प्रमाणिकता भी बनी रहनी चाहिए। परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए दैनिक नवज्योति समाचार पत्र के सम्पादक ओम माथुर ने कहा कि पुस्तक की भाषा सरल होनी चाहिए, ताकि आसानी से समझी जा सके। आम बोल चाल के शब्द इस्तेमाल होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को पुस्तकालयों को समृद्ध बनाना चाहिए। लाइब्रेरी में सभी प्रकार की पुस्तकें होनी चाहिए, ताकि युवा वर्ग भी आकर्षित हो सके। उन्होंने पुस्तक मले के आयोजन स्कूल और कॉलेजों में करने का सुझाव दिया। परिचर्चा में श्रमजीवी कॉलेज के प्राचार्य अनंत भटनागर ने कहा कि युवाओं को पुस्तक पढऩे की आदत डालनी चाहिए। आज का युवा साहित्य की पुस्तकें नहीं पढ़ रहा है। हमारी शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की जरुरत है। पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर और बैंक ऑफ पोलमपुर के लेखक वेद माथुर ने कहा कि अब उपभोक्ताओं में बाजार की संस्कृति पनप रही है। पाठक का पहला सवाल यही होता है कि मैं आपकी पुस्तक क्यों पढंू? हमें ऐसी सामग्री का समावोश करना होगा जिसमें पुस्तकों को पढ़ा जा सके। परिचर्चा के प्रारंभ में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के हिन्दी के सम्पादक ललित मंडोरा ने पुस्तक मेले के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के चालीस प्रकाशकों ने मेले में अपनी स्टॉल लगाई है। मेले में सभी विषयों पर रियायती दरों पर पुस्तकें उपलब्ध है। परिचर्चा का सफल संचालन करते हुए सुप्रसिद्ध कवियत्री पूनम पांडे ने कहा कि पटेल मैदान का पुस्तक मेला शहर भर में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। प्रतिदिन हो रही गतिविधियों में भी शहरवासी उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। पांडे ने इस मौके पर अपना एक गीत भी सुनाकर श्रोताओं को आनंदित कर दिया। मेले में प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9828052917 पर अनंत भटनागर व 9873525397 पर ललित मंडोरा से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (16-04-19)
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