नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रद्रोही बताने वाले राहुल गांधी को फारुख, महबूबा और आजम के कृत्य राष्ट्रद्रोही क्यों नहीं लगते?

नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रद्रोही बताने वाले राहुल गांधी को फारुख, महबूबा और आजम के कृत्य राष्ट्रद्रोही क्यों नहीं लगते?
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17 अप्रैल को कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड़ संसदीय क्षेत्र में रहे। राहुल इस बार अमेठी के साथ -साथ वायनाड़ से भी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। अपने दौरे में राहुल ने वायनाड़ के तिरुनेली के विष्णु मंदिर में दर्शन कर पापनाशनी नदी पर पूजा अर्चना भी की। लेकिन सनातन संस्कृति के अनुरूप पूजा अर्चना करने के तुरंत राहुल ने वो ही कहा जो उनके दिल दिमाग में छाया हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि किसानों का कर्जा माफ नहीं करने, युवाओं को रोजगार नहीं देने तथा राफेल विमान सौदे में चोरी करने के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रद्रोही हैं। भारत में धर्म निरपेक्ष वाला लोाकतंत्र हैं, इसलिए राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री को भी राष्ट्रद्रोही कह सकते हैं, लेकिन राहुल गांधी को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान के बयानों के बारे में भी अपनी राय देनी चाहिए। राफेल सौदे पर सुप्रमी कोर्ट ने अपनी राय दे दी है तथा पाकिस्तान में 80 किलोमीटर तक घुसकर एयर स्ट्राइक होने के बाद मोदी ने अपनी राष्ट्रभक्ति का सबूत दे दिया है। जबकि महबूबा और फारुख ने तो खुले आम कहा है कि यदि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा।  फारुख और महबूबा उन आतंकियों की पैरवी करते हैं जो हमारे सुरक्षा बलों पर हमले करते हैं। राहुल गांधी को ऐसे राजनेताओं पर भी अपनी राय देनी चाहिए। नरेन्द्र मोदी देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री हैं। यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री के कार्य राष्ट्रद्रोही नजर आते हैं तो यह उनकी समझ है, लेकिन राहुल गांधी को उन आजम खान के बारे में भी राय देनी चाहिए जो एक महिला के अंगवस्त्रों के बारे में चुनावी सभाओं में बोलते हैं। गंभीर बात तो यह है कि ऐसे नेताओं के राजनीतिक दल कांग्रेस के सहयोगी हैं। नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता अपनी जगह है। करोड़ों लोग मोदी को दोबारा से पीएम देखना चाहते हैं। राहुल गांधी फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को छोड़ कर नरेन्द्र मोदी को देशद्रोही कहेंगे तो फिर चुनाव में कांग्रेस को नुकसान ही होगा। राहुल गांधी अपने नजरिए से मोदी की  आलोचना करें, इसमें किसी को ऐतराज नहीं है, लेकिन यदि मोदी को देशद्रोही कहा जाएगा तो फिर लोग फारुख अब्दुल्ला और महबूबा के बयानों पर राहुल से सवाल पूछेेंगे ही।
एस.पी.मित्तल) (17-04-19)
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