आखिर अजमेर में रिजु झुनझुनवाला के प्रचार से दूर क्यों हैं सचिन पायलट और रघु शर्मा?
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Sp mittal
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April 18, 2019
आखिर अजमेर में रिजु झुनझुनवाला के प्रचार से दूर क्यों हैं सचिन पायलट और रघु शर्मा?
सास बीना काक अकेली ही जूझ रही हैं।
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तीन हजार करोड़ रुपए के कारोबारी रिजु झुनझुनवाला को जब कांग्रेस ने अजमेर से लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया, तब यह माना गया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अजमेर आकर मोर्चा संभालेंगे। रिजु को पायलट और रघु का ही उम्मीदवार माना जा रहा है, क्योंकि इन दोनों नेताओं ने ही अजमेर के वरिष्ठ कांग्रेसियों को दर किनार कर भीलवाड़ा कपड़ा कारोबारी रिजु को अजमेर से उम्मीदवार बनवाया। कांगे्रस हाईकमान ने भी इन दोनों की सिफारिश इसलिए भी मानी कि दोनों अजमेर से सांसद रह चुके हैं। पायलट ने 2009 से 2014 तक तथा रघु शर्मा ने वर्ष 2018 में अजमेर का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन अब पायलट और रघु दोनों ही अजमेर नहीं आ रहे हैं। अभी तक इन दोनों के हवाई दौरे ही हुए हैं। 9 अप्रैल को रिजु के नामांकन के समय दोनों नेता सीएम अशोक गहलोत के साथ हवाई जहाज से आए और तुरंत चले गए। इसी तरह इन दोनों ने दूदू और पुष्कर में चुनावी सभाएं की। रिजु को उम्मीद थी कि ये दोनों नेता कुछ दिनों के लिए अजमेर आकर जाजम बिछाएंगे। 9 अप्रैल को विजय लक्ष्मी पार्क में आयोजित सभा में रघु शर्मा ने कहा भी था कि वे अजमेर आएंगे और एक बार फिर मतदाताओं के हाथ जोड़ेंगे। लेकिन दस दिन गुजर गए और रघु एक बार भी नहीं आए। अजमेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है। इस लिहाज से 27 अप्रैल को ही चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। यानि अब प्रचार के लिए मात्र 8 दिन बचे हैं। आठ दिन पहले तक भी पायलट और रघु का अजमेर नहीं आना अनेक सवाल खड़े करता है। गत वर्ष जनवरी में जब लोकसभा के उपचुनाव हुए थे तो रघु को जितवाने के लिए पायलट ने प्रदेश कार्य समिति के सदस्य दीपक हासानी के पुष्कर रोड स्थित बंगले में अपना डेरा जमा लिया था। खुद रघु शर्मा भी कड़कड़ाती सर्दी में भागदौड़ कर रहे थे। राजनीतिक क्षेत्रों में माना जाता है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में पायलट और रघु की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने राहुल गांधी के हवाले से कहा भी है कि प्रदेश में मंत्रियों का पद तभी बरकरार रहेगा, जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होगी। अजमेर से रघु शर्मा ही अकेले मंत्री हैं। यदि रिजु की हार होती है तो फिर रघु का मंत्री पद भी छीन जाएगा। असल में रघु के सामने स्वयं के व्यवहार की भी समस्या है। लोकसभा का उपचुनाव जीतने के बाद रघु ने अजमेर के लोगों से सम्पर्क ही नहीं किया। विधानसभा चुनाव में केकड़ी से विधायक बनने और केबिनेट स्तर के मंत्री बन जाने के बाद तो रघु की राजनीति सातवें आसमान पर पहुंच गई। रघु इन दिनों सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम पायलट के साथ हवाई जहाज में घूम रहे हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं से सम्पर्क कटा हुआ है। पायलट और रघु के बगैर रिजु की जीत कैसे होगी, इसको लेकर रिजु की सास और पूर्व मंत्री बीना काक भी चिंतित बताई जाती है। काक ने पायलट और रघु से आग्रह भी किया है कि एक बार अजमेर आकर चुनाव की जाजम को सही तरीके से बिछा जाए। पायलट और रघु के अभाव में काक ही अजमेर में जूझ रही है। नाराज कांग्रेसियों को मनाने और बड़े नेताओं के मतभेद मिटाने के लिए भी काक ही भाग दौड़ कर रही हैं।