ममता दीदी तो मेरे लिए कुर्ते और बंगाली मिठाई भेजती हैं।
चुनावी जंग में कितना मायने रखता है प्रधानमंत्री मोदी का गैर राजनीतिक इंटरव्यू।
आरएसएस की जमकर प्रशंसा।
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24 अप्रैल को सरकारी चैनल डीडी न्यूज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो दिलचस्प इंटरव्यू प्रसारित हुआ, उसे गैर राजनीतिक कहा जा रहा है। यह इंटरव्यू किसी अखबार अथवा न्यूज चैनल के पत्रकार ने नहीं लिया, बल्कि मुम्बईया फिल्मों के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार ने लिया। अक्षय ने अपने ही अंदाज में मोदी से सवाल किए। यह इंटरव्यू प्रधानमंत्री के दिल्ली स्थित आवास पर लिया गया। चूंकि इंटरव्यू अक्षय जैसा अभिनेता ले रहा था, इसलिए ड्रोन क्रेन आदि कैमरों का भी उपयोग किया गया। अक्षय ने टांग पर टांग रख कर सवाल किए तो साफ लग रहा था कि अक्षय भी स्वयं को फिल्म जगत का प्रधानमंत्री समझते हैं। अक्षय ने जब विपक्षी नेताओं से संबंधों के बारे में सवाल किया तो मोदी ने अपने सबसे बड़े आलोचक कांग्रेस के गुलामनबी आजाद और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नामों का उल्लेख किया। लोकसभा चुनाव के दौरान जिन ममता बनर्जी को मोदी स्पीडब्रेकर दीदी आदि कह कर संबोधित करते हैं, वही ममता दीदी मोदी के लिए प्रतिवर्ष कुर्ते और बंगाली मिठाईयां भेजती हैं। मोदी ने कहा कि ममताजी पहले सिर्फ कुर्ते देती थीं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना बंगाली मिठाई भेजती हैं तो ममता दीदी भी अब मिठाई भेजने लगी है। एक बार जब मैं और गुलाम नबी आजाद डिनर लेकर बाहर आ रहे थे, तब अखबारों वालों के सवालों के जवाब में आजाद ने कहा कि हमारे बीच पारिवारिक रिश्ते भी हैं। यह गुलाम नबी का माकूल जवाब था।
काम के लिए दबाव नहीं:
अक्षय ने कहा कि आपकी छवि एक सख्त प्रशासक की है। इस पर मोदी ने कहा कि यह गलत धारणा है। मैं किसी से भी दबाव डालकर काम नहीं करवाता। अफसर की गलती होने पर स्वयं सुधारता हंू। मेरे साथ ज्यादा काम करना पड़ता है, यह शिकायत हो सकती है लेकिन जब मैं स्वयं इतना कार्य करता हंू तो फिर मेरे साथी भी खुशी खुशी करते हैं। यह सही है कि मैं चौबीस घंटे में मात्र तीन-चार घंटे ही सोता हंू। मैं कभी भी पलंग पर फालतू में नहीं लेटा रहता। आंख खुलते ही पलंग से उठ जाता हंू। गुस्सा, नाराजगी यह सब स्वभाव के हिस्से हैं, लेकिन अब तो मुझे गुस्सा नहीं आता। पूर्व में जब गुस्सा आता था, तब संबंधित घटना को कागज पर लिखता था।
साधारण कपड़े:
अक्षय ने जब कपड़ों की डिजाइन के बारे में सवाल किया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे परिवार में तो इतनी गरीबी थी कि घर में कोयले की प्रेस भी नहीं थी। मैं पानी वाले लौटे में गर्म कोयले डाल कर कपड़ों पर प्रेस करता था। एक बार मुझे लगा कि कुर्ते की बांह में ज्यादा कपड़ा खर्च होता है और अटैची में जगह भी ज्यादा घेरता है तो मैंने आधी बांह के कुर्ते पहनने शुरू कर दिए। मेरे कपड़े बहुत ही साधारण होते हैं।
विधायक कोटे का प्लाट भी पार्टी को दे दिया:
मोदी ने कहा कि गुजरात में विधायक कोटे का प्लाट भी मैंने पार्टी को दे दिया है। मैं जब प्रधानमंत्री बना तब मेरे पास कुछ भी नहीं था। मैंने कभी भी सम्पत्ति का संग्रह नहीं किया। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर मिली सुविधाओं से कभी मोह नहीं किया। मेरी आवश्यकताएं बहुत सीमित है। जीवन का अधिकांश समय दो जोड़ी कपड़ों और एक थैले में निकल गया।
परिवार नहीं लेता कोई सुविधा:
मोदी ने कहा कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य प्रधानमंत्री के परिवार को मिलने वाली सुविधा नहीं लेता है। चूंकि मैंने छोटी उम्र से ही घर परिवार त्याग दिया था, इसलिए मेरे परिवार के सदस्य भी अपेक्षा नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी माताजी को कुछ दिनों के लिए प्रधानमंत्री आवास पर लाया था, लेकिन मेरे देर रात तक काम करने और सुबह जल्दी उठने की वजह से मुझे लगा कि मेरी माताजी कष्ट में हैं। मेरी मां ने कहा भी कि मुझे गांव में ही रहना है क्योंकि वहां मैं अपने लोगों से संवाद कर सकती हंू। जहां तक माताजी को आर्थिक मदद करने का सवाल है तो आज भी मेरी मां मुझे सवा रुपया देती है।
संघ की प्रशंसा:
मोदी ने अपने इंटरव्यू में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की जमकर प्रशंसा की। मोदी ने कहा कि मैं शुरू से ही संघ की शाखाओं में जाता रहा हंू। मैंने एक प्रचारक की भूमिका में भी संघ का काम किया है। संघ की शाखाओं में खेल भावना के साथ ही बौद्धिक विकास किया जाता है। संघ एक देशभक्त संगठन है।
कितना मायने रखता है इंटरव्यू:
इसमें कोई दो राय नहीं कि अक्षय ने मोदी से कोई राजनीतिक सवाल नहीं पूछे, लेकिन पूरे इंटरव्यू में प्रधानमंत्री की साफ-सुथरी छवि उभर कर सामने आई। चुनावी माहौल में ऐसे इंटरव्यू का प्रसारण सभी न्यूज चैनलों पर भी हुआ। 25 अप्रैल को आखबारों में भी छपेगा। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मो पर अब इंटरव्यूज धड़ल्ले से प्रसारित हो रहा है। इसे नरेन्द्र मोदी का चुनावी प्रबंधन ही कहा जाएगा कि आचार संहिता से बचते हुए शानदार इंटरव्यू प्रसारित करवा दिया। अभिनेता अक्षय कुमार की भी बल्ले बल्ले हो रही है।