गैंगरेप कांड में अलवर पुलिस भी दोषी-एससी आयोग।
कांग्रेस के शासन में होती है एफआईआर दर्ज, इसलिए महिला अत्याचार के मामलों की संख्या बढ़ी-सीएम गहलोत। अब रिपोर्ट दर्ज नहीं करने वाले थानेदार पर भी होगा मुकदमा।
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अलवर गैंगरेप कांड को लेकर 10 मई को राजस्थसान का माहौल गर्म रहा। प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत तीन दिन के दिल्ली दौरे के बाद जयपुर लौटे तथा राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष एल मरुगन ने अलवर पहुंच कर गैंगरेप की शिकार युवती से मुलाकात की। सीएम गहलोत ने जहां अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की, वहीं मरुगन ने माना कि पूरे घटनाक्रम में अलवर पुलिस भी दोषी है, इसलिए आरोपियों के साथ-साथ दोषी पुलिस कर्मिकों के विरुद्ध भी एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हो। मरुगन ने कहा कि 26 अप्रैल की घटना के बाद पीडि़ता थानागाजी के थानाधिकारी से मिली थी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई। तब पीडि़ता एसपी के पास गई और एसपी ने थानाधिकारी को निर्देश दिए, लेकिन फिर भी थाने पर एफआईआर नहीं लिखी गई। पीडि़ता जब दोबारा एसपी से मिली, तब एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस से 30 अप्रैल से लेकर चार मई तक घोर लापरवाही बरती है। मरुगन ने कहा कि पुलिस की कार्यवाही से आयोग संतुष्ट नहीं है। एससी एसटी की महिलाओं पर अत्याचार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के भी सख्त आदेश है, लेकिन अलवर गैंगरेप के केस में कोर्ट ने आदेशों की भी पालना नहीं हुई है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता के साथ लिया है। यह बेहद ही अफसोसनाक है कि बलात्कार करने वाले अश्लील वीडियो से पीडि़ता और उसके पति को ब्लैकमेल करते रहे और पुलिस ने अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। मालूम हो कि राज्य सरकार ने अभी तक इस गंभीर मामले में अलवर के एसपी राजीव पचार को एपीओ तथा थानाधिकारी को सस्पेंड है। अभी तक किसी भी पुलिसकर्मी के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट में एफआईआर नहीं हुई है। आयोग के अध्यक्ष मरुगन के साथ प्रदेश के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग भी थे। आयोग को बताया गया कि पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और 15 दिन में आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत कर दी जाएगी।
कांग्रेस शासन में होती है एफआईआर-गहलोत:
तीन दिन बाद दिल्ली दौरे से लौटे प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने माना कि पिछले कुछ दिनों से महिला आत्याचार के मामलों की संख्या बढ़ी है। गहलोत ने कहा कि भाजपा के शासन में एफआईआर दर्ज नहीं होती थी। सरकार बदनामी से बचने के लिए महिला अत्याचारों के मामले दर्ज नहीं होने देती थी, लेकिन मैंने चार माह पहले सीएम का पद संभालते ही डीजीपी को निर्देश दिए कि जो भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखवाने आए, उसका मामला दर्ज किया जाए। यही वजह है कि इन अखबारों में महिला अत्याचार की खबरें छप रही है। मुझे पिछली सरकार से जो हालात मिले हैं उन्हें सुधारने में लगा हुआ हंू। अलवर गैंगरेप कांड को दु:खद बताते हुए सीएम ने कहा कि यदि कोई पुलिस अधिकारी लापरवाही का दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्यवाही होगी। सरकार का प्रयास होगा कि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाई जाए। भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, इसके लिए अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति की एफआईआर संबंधित पुलिस थाने पर दर्ज नहीं की जा रही है तो एसपी को यह अधिकार होगा कि वह अपने कार्यालय में एफआईआर दर्ज कर ले। बाद में उस थानाधिकारी के खिलाफ भी कार्यवाही होगी जिसने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया। गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार एससी एसटी के मामलों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करता है उसी प्रकार अब महिला अत्याचारों के मामलों की जांच भी डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा। इसके लिए अलग से एक नया पद सृजित किया जा रहा है।