मंत्री बनाने वाले अमित शाह क्या मंत्री बनेंगे ?

मंत्री बनाने वाले अमित शाह क्या मंत्री बनेंगे ? कमान शाह के पास ही रहेगी। शपथ से पहले तक गुप्त रहेंगे नाम। अटलजी की समाधि पर जुटेंगे भाजपा सांसद। ममता बनर्जी नहीं लेंगी भाग।

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30 मई को सायं 7 बजे नरेन्द्र मोदी दोबारा से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। मोदी के साथ कितने और कौन-कौन से मंत्री शपथ लेंगे, इस पर 28 मई को मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कोई चार घंटे तक विचार-विमर्श किया है। आज दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में मोदी को सबसे मजबूत नेता माना जाता है, लेकिन अमित शाह अकेले ऐसा नेता है जो मोदी को सलाह दे सकते हैं। शाह की सलाह का मतलब है कि मोदी अमल करेंगे। सवाल उठता है कि जब अमित शाह मंत्री बनाने की स्थिति में है, तब क्या स्वयं मंत्री बनेंगे ? शाह की सरकार में आज जो हैसियत है उसमें एक विभाग का मंत्री क्या मायने रखता है ? गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ने और सांसद बन जाने को लेकर कुछ राजनीतिक पंडित शाह को मंत्री बनाने की बात कह रहे हैं। मेरा मानना है कि लालकृष्ण आडवानी के स्थान पर अमित शाह जैसे कद्दावर उम्मीदवार ही चाहिए था, ताकि आडवानी को उम्मीदवार न बनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। अमित शाह की उम्मीदवारी के बाद आडवानी अपने उत्तराधिकारी का नाम भी बताने की स्थिति में नहीं रहे। जहां सांसद बनने के बाद मंत्री बनने का सवाल है तो सबने देखा कि लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमित शाह का हैलीकाप्टर तक नहीं उतरने दिया, कई स्थानों पर चुनावी सभाओं की अनुमति नहीं दी। चूंकि शाह के पास कोई सरकारी पद नहीं था, इसलिए राज्य सरकार की ओर से निर्धारित प्रोटोकाॅल भी नहीं मिला। यदि शाह केन्द्रीय मंत्री होते तो राज्य सरकार को निर्धारित प्रोटोकाॅल तो देना ही पड़ता। हो सकता है कि गैर भाजपा शासित राज्यों में अमित शाह को सरकारी सुविधाएं दिलवाने के लिए केबिनेट मंत्री की शपथ दिलवाई जावे और उन्हें बिना विभाग या फिर हल्के विभाग की जिम्मेदारी दी जाए। जहां तक संगठन का सवाल  है तो अमित शाह की प्रभावी भूमिका बनी रहेगी। देश में प्रतिवर्ष कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं, ऐसे में शाह ही प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अमित शाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात समझते हैं।
समाधि पर जुटेंगे भाजपा सांसद:
30 मई को शपथ वाले दिन सभी भाजपा सांसद दिल्ली में रहें, इसके लिए पीएम मोदी ने 30 मई को सुबह 11 बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर श्रद्वाजंलि सभा रखी है। इसमें सभी भाजपा सांसदों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जिन मोदी शाह को गुण्डा कहा, उनके शपथ ग्रहण समारोह में कैसे शामिल हो सकती हैं ममता बनर्जी ?
29 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे 30 मई को दिल्ली में होने वाले नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगी। ममता ने ट्वीट कर कहा साॅरी मोदीजी मैं आपके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सकूंगी। जबकि एक दिन पहले ममता बनर्जी ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात कही थी। मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के उन 54 कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी आमंत्रित किया है, जिनकी हत्या ममता के शासन में हुई है। भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को बुलाने से ही ममता बनर्जी नाराज हुई है। ममता का कहना है कि बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई। वैसे भी ममता बनर्जी उन मोदी शाह के शपथ ग्रहण समारोह में कैसे भाग ले सकती है, जिन्हें उन्होंने गुण्डा कहा था। सब जानते है कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ममता ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को गुण्डा कहा था। मोदी को तो देश का प्रधानमंत्री मानने से ही इंकार कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी नरेन्द्र मोदी ने सनातन संस्कृति का पालन करते हुए ममता बनर्जी को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया। सब जानते हैं कि चुनाव में मोदी और भाजपा को हराने के लिए ममता ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन इसके बावजूद भी बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिल गई। यह तो अच्छा हुआ कि पूरे देश में भाजपा की जीत हो गई नहीं तो ममता बनर्जी हारे हुए मोदी और शाह का कचूमर निकाल देती। ममता ने अपने शासन में उन तत्वों को हावी किया है जो देश की एकता और अखण्डता तोड़ना चाहते हैं। बंगाल के लोगों ने भाजपा को 18 सीटें इसलिए दिलवाई है ताकि ममता के कसाई राज से छुटकारा मिल सके। नरेन्द्र मोदी को अब ममता दीदी भले ही उपहार में कुर्ता न दे, लेकिन मोदी को बंगाल के लोगों की सुरक्षा पहले करनी चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (29-05-19)
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