अशोक गहलोत और सचिन पायलट अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को खुश करने में जुटे।
लोकसभा चुनाव में मिली हार से नाराज चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को खुश करने के लिए अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है तो डिप्टी सीएम सचिन पायलट दो दिन के सरकारी दौरे पर निकले हैं। राजस्थान में तापमान जब 45 डिग्री के पार है तब पायलट 9 जून को सिरोही के दौरे पर रहे। पायलट 10 जून को जालौर में विभिन्न सरकारी बैठकें लेंगे। डिप्टी सीएम के पांच माह में पहला अवसर है, जब पायलट जिला स्तर पर प्रशासनिक बैठकें ले रहे हैं। इससे पहले पायलट ने अपने पंचायतीराज, पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण विकास आदि विभागों की समीक्षा की। पायलट अब यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें गहलोत सरकार में काम करने पर कोई एतराज नहीं है। छोटे से सिरोही जिले के कलेक्ट्रेट के सभागार में पायलट के द्वारा जिला स्तरीय बैठक करना अपने आप में महत्वपूर्ण है। असल में पायलट ने ऐसा निर्णय वर्तमान हालातों को देखते हुए लिया है। पायलट फिलहाल ऐसा कोई कृत्य नहीं करना चाहते जिससे गहलोत के साथ मतभेद नजर आते हों।गहलोत दिल्ली में सक्रिय :
इधर पायलट स्वयं को गहलोत सरकार का हिस्सेदार दिखा रहे हैं तो उधर दिल्ली में सीएम गहलोत ने डेरा जमा लिया है। गहलोत 8 जून को ही दिल्ली पहुंच गए थे। 9 जून को दिल्ली के जोधपुर हाउस में गहलोत ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से मुलाकात की। गहलोत शाम तक गांधी परिवार के सलाहकार अहमद पटेल से भी मिलेंगे। दिल्ली में गहलोत की सारी कवायद राहुल गांधी को खुश करने के लिए हो रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का मानना है कि गहलोत पर राहुल गांधी का आज भी भरोसा है। 26 मई को सीडब्ल्यूसी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी ने कांगे्रस के किसी भी नेता से मुलाकात नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि 10 जून को गहलोत की राहुल गांधी से मुलाकात हो जाएगी। राहुल गांधी 8 व 9 जून को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर हैं। 9 जून की रात को राहुल गांधी दिल्ली लौटेंगे। राहुल गांधी से मुलाकात से पहले गहलोत का कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात मायने रखती है। गहलोत श्रीमती सोनिया गांधी से भी मिल सकते हैं। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी अभी भी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। राहुल का कहना है कि गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस में जो संकट चल रहा है उसके समाधान के लिए ही गहलोत दिल्ली पहुंचे हैं। राहुल गांधी की जिद ने कांग्रेस के उन युवा नेताओं का भी भ्रम दूर कर दिया है जो राहुल से दोस्ती होने का दावा करते थे। यदि 10 मई को गहलोत की राहुल गांधी से मुलाकात करने में सफलता मिली है तो इसका असर राजस्थान की राजनीति पर भी पड़ेगा।
राहुल का हर बदलाव मंजूर-पायलट:
9 जून को उदयपुर के डबोक हवाई अड्डें पर मीडिया से संवाद करते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांशी जो भी बदलाव करेंगे वह मुझे मंजूर है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तो पहले ही प्रस्ताव पास कर रखा है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे। पायलट ने कहा कि आम लोगों को राहल देने के लिए ही वे जिला स्तर पर प्रशासनिक बैठकें कर रहे हैं।
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