तो क्या अशोक गहलोत के बगैर चल पाएगी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार? सचिन पायलट विदेश दौरे पर।

तो क्या अशोक गहलोत के बगैर चल पाएगी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार? सचिन पायलट विदेश दौरे पर।

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अब यह तय हो गया है कि राहुल गांधी कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे। ऐसे में दिल्ली में नए अध्यक्ष की सरगर्मी से तलाश हो रही है। जिन नेताओं के नमों पर मंथन हो रहा है उनमें सबसे ऊपर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  का नाम है। इसमें कोई दो राय नहीं की गहलोत गांधी परिवार के सबसे भरोसे मंद नेता है। हर परिस्थिति में गहलोत गांधी परिवार के साथ खड़े रहे हैं। लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब 26 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की तब भी गहलोत ने नाराजगी नहीं जताई। उल्टे गहलोत का कहना रहा कि राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष है इसलिए उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है। तमाम अफवाहों और खबरों को परे धकेलते हुए 19 जून को अशोक गहलोत दिल्ली में राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई देने पहुंच गए। लेकिन सवाल उठता है कि क्या अशोक गहलोत के बगैर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चल पाएगी? जिन राजनीतिक हालातों में कांग्रेस भाजपा से मुकाबला कर रही है, उसमें अशोक गहलोत ही सरकार चलाने में सक्षम नजर आते हैं। हालांकि कांग्रेस के पास 100 विधायकों का पूर्ण बहुमत है, लेकिन यही इन सौ विधायकों में कोई टूट होती है तो सरकार अल्पमत  में आजाएगी। यह गहलोत की ही राजनीतिक कुशलता है कि बसपा के 6 और 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी ले रखा है। लेकिन दल बदल कानून को देखते हुए इन 18 विधायकों का मौखिक समर्थन कोई मायने नहीं रखता है। विधानसभा में भाजपा के 72 विधायक हैं मौखिक समर्थन देने वाले विधायक कभी भी इधर उधर हो सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण सवाल कांग्रेस की आंतरिक राजनीति का है। क्या कांग्रेस में सभी विधायक अशोक गहलोत की जगह किसी अन्य को अपना नेता मान लेंगे? राजनीति के जानकारों का मानना है कि जब गहलोत की जगह किसी अन्य नेता को चुनने की बात आएगी तो कांग्रेस के कई विधायक अलग हो सकते हैं? सब जानते हैं कि गहलोत के स्थान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का नाम सामने आएगा अब यह पायलट का राजनीतिक कौशल होगा कि यह कांग्रेस के सभी 100 विधायकों को अपने पक्ष में करें, जहां तक राजनीतिक सूझबूझ का सवाल है तो गहलोत का कोई मुकाबला नहीं है। 19 जून को सारा कामकाज छोड़कर गहलोत दिल्ली में राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई देने पहुंच गए। राहुल गांधी से यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि 26 मई के बाद राहुल ने कांग्रेस के किसी भी नेता से संवाद नहीं किया था। ऐसे में गहलोत जन्मदिन का मौका छोडऩा नहीं चाहते थे। जबकि सचिन पायलट इन दिनों विदेश दौरे पर हैं। पायलट का यह दौरान निजी है। यानि 26 मई के बाद पायलट भी राहुल गांधी से नहीं मिल सके हैं। यह सही है कि सचिन पायलट और राहुल गांधी के बीच मित्रवत संबंध हैं, लेकिन राजनीति में संबंधों में कब दरार आ जाए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। गहलोत हर अवसर का फायदा उठाना जानते हैं। गहलोत को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाओं के बीच यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बने रहेंगे। जबकि दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं यदि गहलोत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर वह राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे। आने वाले दिनों में कांगे्रस अध्यक्ष और राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद की तस्वीर साफ हो जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (20-06-19)
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