शिवचरण माथुर जब राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, तब अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।
करीब 10 वर्षों तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे शिवचरण माथुर की 10वीं पुण्य तिथि पर 25 जून को अजमेर के वैशाली नगर स्थिति अजयमेरु प्रेस क्लब में सायं 4:45 पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई है। स्वर्गीय माथुर के सहयोगी रहे और राजस्थान एडवोकेट फैडरेशन के अध्यक्ष एडवोकेट एसके सक्सेना ने बताया कि संगोष्ठी में राजस्थान के निर्माण में स्वर्गीय माथुर की भूमिका के बारे में जानकारी दी जाएगी। युवा पीढ़ी माथुर के व्यक्तित्व से प्रेरणा ले सकती है। शिवचरण माथुर वर्ष 1980 से लेकर 1989 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले माथुर मोहनलाल सुखाडिय़ा, बरकतउल्ला खां और हरिदेश जोशी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे। 1959 में पहली बार हुए पंचायत राज के चुनाव में माथुर भीलवाड़ा के जिला प्रमुख बने। माथुर दो बार भीलवाड़ा के सांसद भी रहे। एडवोकेट सक्सेना उन दिनो की राजनीति का स्मरण करते हैं जब माथुर मुख्यमंत्री थे और अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष। तब माथुर ने गहलोत को मंत्रिमंडल में भी शामिल किया और गृह जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी। सक्सेना ने बताया कि उस समय भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता होती थी, लेकिन तब विवाद सार्वजनिक नहीं होते थे। शिवचरण माथुर चाहे किसी भी पद पर रहे हों, लेकिन उन्होंने अपना कार्य ईमानदारी और जनहित में किया। राजस्थान के विकास में माथुर की महत्वपूर्ण भूमिका है। माथुर के व्यक्तित्व की जानकारी देने के लिए संगोष्ठी का आयोजन रखा गया है। संगोष्ठी में सभी लोग आमंत्रित हैं। संगोष्ठी के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9414003192 पर एडवोकेट एसके सक्सेना से ली जा सकती है।https://play.google.com/store/
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