पलाड़ा दम्पत्ति को है अब नए राजनीतिक लक्ष्य की तलाश।
पलाड़ा दम्पत्ति को है अब नए राजनीतिक लक्ष्य की तलाश।
विगत दस वर्षों में पहली बार बनेगा बगैर सत्ता के जन्म दिन।
अजमेर जिले की राजनीति में खास कर भाजपा की राजनीति भंवर सिंह पलाड़ा के बगैर अधूरी है पलाड़ा ने हमेशा से ही राजनीति अपनी दबंगता से की है। पलाड़ा उन राजनेताओं में से नहीं है जो मुख्यमंत्री के आने पर एयर स्ट्रीप पर सर्किट हाउस में लाइन बना कर खड़े हो जाएं। राजनीति में पलाड़ा की दबंगता से बड़े नेता भी वाकिफ है, लेकिन सबको यह भी पता है कि पलाड़ा और उनकी पत्नी श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने राजनीति में न केवल ईमानदार है, बल्कि अपनी जेब से पैसा खर्च कर मानव सेवा का कार्य करते हैं। श्रीमती पलाड़ा पहले जिला प्रमुख और फिर मसूदा से भाजपा की विधायक रही। हालांकि समर्थक वर्षों से पलाड़ा का जन्मदिन मानते आ रहे हैं, लेकिन इस बार 24 जून को विगत दस वर्षों से यह पहला अवसर होगा, जब सत्ता के बगैर जन्मदिन का जश्न मनेगा। तय कार्यक्रम के अनुसार पलाड़ा सुबह मंदिरों में पूजा अर्चना, वृद्धाश्रमों में भोजन वितरण करेंगे और प्रात: 11 बजे से अपने शास्त्री नगर वाले आवास पर उपलब्ध रहेंगे। पलाड़ा को जन्मदिन की बधाई देने के लिए जिले भर से समर्थक पहुंचेंगे। जन्मदिन की जोरशोर से तैयारियां हो रही है। अजमेर के प्रमुख समाचार पत्र पलाड़ा की शान में विशेष परिशिष्ट भी प्रकाशित करेंगे। पलाड़ा के पास भले ही इस समय सत्ता का कोई पद नहीं हो, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं में उत्साह बना हुआ है।राजनीतिक लक्ष्य:
पांच माह पहले श्रीमती पलाड़ा ने अजमेर के मसूदा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन मात्र चार हजार मतों से चुनाव में हार हो गई। लोकसभा चुनाव में पलाड़ा ने राजसमंद संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी जताई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। जानकारों की माने तो अब पलाड़ा की नजर जिला प्रमुख और अजमेर के मेयर के पद पर लगी हुई है। हालांकि जिला प्रमुख का चयन तो पहले की तरह जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य ही करेंगे, लेकिन अजमेर शहर के मेयर का चुनाव सीधे तौर पर होगा। अगले वर्ष पहले जिला परिषद और मेयर के चुनाव होंगे। यदि ये दोनों पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होते हैं तो पलाड़ा दम्पत्ति का मजबूत दावा रहेगा। मौजूदा समय में जिला प्रमुख का पद एससी वर्ग की महिला तथा मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा के बड़े नेता भी जानते हैं कि जिला परिषद के चुनाव में किसी भी परिस्थितियों में पलाड़ा दम्पत्ति जिला प्रमुख का चुनाव जीत सकते हैं। इसी प्रकार अजमेर शहर में भी पलाड़ा की वजह से मेयर का चुनाव रौचक हो जाएगा। यदि जिला प्रमुख और मेयर बनने में सफलता नहीं मिलती है तो फिर पलाड़ा को आगामी विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा। पलाड़ा की राजनीति के लिए यह अच्छी बात है कि अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे प्रभावी भूमिका में नहीं है। पलाड़ा दम्पत्ति की कभी भी वसुंधरा राजे से पटरी नहीं बैठी। मोबाइल नम्बर 9829071197 पर पलाड़ा को जन्मदिन की बधाई दी जा सकती है।
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