विवादों में घिरी अजमेर की डीपीएस स्कूल।
विवादों में घिरी अजमेर की डीपीएस स्कूल। पुलिस तक पहुंचा विवाद।
छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप। अभिभावकों में रोष।
कृषि भूमि पर बनी है स्कूल की बिल्डिंग। नक्शा भी स्वीकृत नहीं।
स्कूल प्रबंधन की सफाई:
वहीं स्कूल के निदेशक शिशुपाल कुमावत ने कुछ अभिभावकों के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि जिन अभिभावकों ने टीसी की मांग की है उन्हें स्कूल प्रबंधन टीसी देने को तैयार है। जहां तक प्रबंधन द्वारा अभिभावकों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप है तो प्रबंधन तो हमेशा मधुर व्यवहार करता है। कुछ अभिभावकों को भड़काने में स्कूल के पूर्व शिक्षकों का हाथ है। डीपीएस के बैनर को लेकर भी हमने गलत बयानी नहीं दी है। देश में डीपीएस स्कूलों का संचालन ट्रस्ट और प्राइवेट लिमिटेड संस्था द्वारा किया जाता है। हमारा स्कूल प्राइवेट लिमिटेड वाली शिक्षण संस्था से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था देशभर में 200 स्कूलों का संचालन कर रही है। कुमावत ने कहा कि वे स्वयं नाराज अभिभावकों से हर स्तर पर बात करने को तैयार हैं। कुमावत ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि स्कूल बिल्डिंग का नक्शा अजमेर विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं है और न ही अभी कृषि भूमि की किस्म बदली है। यानि स्कूल बिल्डिंग कृषि भूमि पर बनी हुई है। उन्होंने भू रूपांतरण की फाइल चार वर्ष पहले प्राधिकरण में लगा दी थी, लेकिन अदालत की रोक की वजह से प्राधिकरण ने निर्णय नहीं लिया। अलबत्ता भू रूपांतरण की राशि प्राधिकरण में जमा करवा दी गई है। वहीं नाराज अभिभावकों का कहना है कि गैर कानूनी तरीके से बनाई गई स्कूल बिल्डिंग को जिला प्रशासन को सीज करना चाहिए। बिल्डिंग का निर्माण प्राधिकरण के नियमों के तहत भी नहीं किया गया है, जो खतरनाक है।
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