फिर सक्रिय हुई अवार्ड वापसी और असहिष्णुता की बात करने वाली गैंग।
फिर सक्रिय हुई अवार्ड वापसी और असहिष्णुता की बात करने वाली गैंग।
49 फिल्मी हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।
कहा-जय श्रीराम के नारे लगाकर उकसाया जा रहा है।==============
श्यामबेनगल, अनुराग कश्यप, मणिरत्नम, शोभा मुद्गल जैसी 49 फिल्मी हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया है कि दलित मुसलमान और अल्पसंख्यकों को ही मॉब लिंचिंग का निशाना बनाया जा रहा है। इससे देश में डर और भय का माहौल है। जय श्रीराम के नारे लगाकर लोगों को उकसाया जा रहा है। पत्र में आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा तो करते हंै, अपराधियों के लिए सख्त कानून नहीं बनाते। फिल्मी हस्तियों के द्वारा लिखे गए ताजा पत्र से प्रतीत होता है कि देश में एक बार फिर अवार्ड वापसी और असहिष्णुता की बात करने वाली गैंग सक्रिय हो गई है। ऐसे लोग बेवजह देश का माहौल खराब कर रहे हैं। जबकि सब जानते हैं कि जब कोई भीड़ हमला करती है तो जाति और धर्म नहीं देखा जाता। भीड़ बिना धर्म जाने हमला करती है यही वजह है कि सामान्य वर्ग के लोग भी भीड़तंत्र का शिकार हो जाते हैं। पिछले दिनों यूपी में जबरन जय श्रीराम को बुलवाने की बात सामने आई। लेकिन जांच पड़ताल में पता चला कि ऐसे आरोप झूठे हैं। यानि कुछ लोग जय श्रीराम की आड़ में साम्प्रदायिक फसदा करवाना चाहते हैं। जब सामान्य वर्ग के हिन्दुओं पर जुल्म होते हैं तो यही अवार्ड वापसी और असहिष्णुता की बात करने वाली गैंग चुप रहती है। पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों में जिस तरह हिन्दुओं की हत्याएं की गई वो सबके सामने है। लेकिन इस गैंग के सदस्यों ने कभी भी पश्चिम बंगाल और केरल की घटनाओं की निंदा नहीं की। समझ में नहीं आता कि ऐसी फिल्मी हस्तियां देश को किस ओर ले जाना चाहती हैं। कई बार यह मांग उठी है कि मुम्बईया फिल्म उद्योग में जो पाकिस्तानी कलाकार काम करते हैं उन पर प्रतिबंध लगाया जाए। क्योंकि पाकिस्तान हमारे देश में पुलवामा जैसे नरसंहार करवा रहा है। लेकिन राष्ट्रवादियों की इस मांग पर फिल्मी हस्तियों ने ध्यान नहीं दिया। आज भी सैकड़ों पाकिस्तानी कलाकार हमारे फिल्म उद्योग में काम कर मालामाल हो रहे हैं यानि जो देश हमारे यहां आतंकी वारदतें कर रहा है हमारा फिल्म उद्योग उसी देश के कलाकारों को पनाह दे रहा है। सवाल केन्द्र में किसी सरकार का नहीं है। सवाल देश के माहौल का है। हाल ही के लोकसभा के चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को 303 सीटें मिली है। यदि देश में असहिष्णुता का माहौल होता तो मोदी को इतनी सीटें मिल पाती? लोकतंत्र में लोकप्रियता का पैमाना चुनाव ही है। जब देश की जनता केन्द्र सरकार के साथ खड़ी है तब असहिष्णुता का माहौल होने का आरोप बेबुनियादी नजर आता है। अच्छा हो कि फिल्मी हस्तियां देश का माहौल सुधारने में सहयोग करें। जहां भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं होती है वहां फिल्मी हस्तियों को जाकर न्याय दिलवाना चाहिए। मॉब लिंचिंग की देश में जितनी भी घटनाएं हुई है उन सब में सरकारों ने सख्त कार्यवाही की है। मॉब लिंचिंग की घटना में यह फर्क नहीं पड़ता कि किस राज्य में किस दल की सरकार है।
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