अजमेर की दुर्दशा पर सांसद चौधरी ने जताई नाराजगी।
आनासागर के चैनल गेट खोले।
डूब क्षेत्र में रहने वालों को परेशानी।
कलेक्टर ने दिखाई तत्परता:
2 अगस्त को कलेक्टर शर्मा ने भी तत्परता दिखाई। प्रशासनिक लवाजमे के साथ कलेक्टर ने सागर विहार क्षेत्र का दौरा किया। यहां अभी तक भी पानी भरा हुआ है। हालांकि पांच पम्प सेट लगाकर पानी को बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन पानी की आवक अभी भी बनी हुई है। सागर विहार क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए ही प्रशासन ने आनासागर के चैनल गेट खोलने का निर्णय लिया है। जैसे जैसे आनासागर से पानी की निकासी होगी, वैसे वैसे डूब क्षेत्र की कॉलोनियों में पानी कम हो जाएगा। आनासागर की भराव क्षमता 13 फीट है। एक अगस्त की बरसात में आनासागर लबालब हो गया। यही वजह रही कि आनासागर के किनारे बने मकानों में पानी घुस गया। डूब क्षेत्र में मकान भी गैर कानूनी तरीके से बनाए गए है। दो अगस्त को चैनल गेट खोलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
स्मार्ट सिटी की पोल खुली:
एक ही बरसात में स्मार्ट सिटी के कार्यों की पोल खुल गई है। सवाल उठता है कि जब जल निकासी की व्यवस्था ही नहीं है तो फिर अजमेर को स्मार्ट सिटी कैसे बनाया जा सकता है। केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए करीब दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसी में से 250 करोड़ रुपए की लागत का अजमेर में ऐलिवेटेड रोड बनाया जा रहा है। अब तक स्मार्ट सिटी का काम आनासागर के किनारे चौपाटी और पाथवे के रूप में नजर आ रहा है, लेकिन एक अगस्त की बरसात में जिस तरह से आनासागर का पानी उफन कर वैशाली नगर की सड़कों पर आ गया उससे प्रतीत होता है कि चौपाटी का काम भी सही तरीके से नहीं हुआ है।
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