परिवार कल्याण के कार्यक्रमों पर खर्च होने वाली राशि से होगी अजमेर कलेक्ट्रेट की सजावट।

परिवार कल्याण के कार्यक्रमों पर खर्च होने वाली राशि से होगी अजमेर कलेक्ट्रेट की सजावट। कलेक्टर ही होते हैं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष। ऐसा चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले में हो रहा है। 

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सरकार की जो राशि अजमेर जिले की गर्भवती महिलाओं को सुविधा देने, परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने आदि पर खर्च होनी चाहिए। उस राशि को अजमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के आदेश से कलेक्ट्रेट की सजावट पर खर्च किया जाएगा। कलेक्ट्रेट परिसर में ही जिला कलेक्टर का कक्ष भी आता है। ऐसी प्रशासनिक अनियमितता प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर में हो रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अजमेर को 15 लाख रुपए का पुरस्कार मिला है। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ऐसी प्राप्त राशि को गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं, परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने वाले कार्योंं पर ही खर्च किया जा सकता है। यानि ऐसे कार्यक्रम हों, जिससे परिवार कल्याण के प्रति जागरुकता हो। यदि किसी अस्पताल खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुविधाओं का अभाव हो तो इस राशि से सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। अजमेर को जो 15 लाख रुपए की राशि मिली है, उसमें से दस लाख रुपए खर्च करने का निर्णय जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा की अध्यक्षता वाली जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा लिया गया है। सरकारी प्रक्रिया के अनुसार कोई डेढ़ लाख रुपए में तीन प्रकार के सोफे, गद्दे खरीदने के साथ-साथ ढाई लाख रुपए की ऑफिस कुर्सियां और बेंच खरीदी जा रही है। ब्लॉक स्तर पर मेले लगाने के लिए एक एनजीओ को तीन लाख रुपए देने का प्रावधान किया गया है। चिकित्सा विभाग के डॉक्टर भी जानते हैं कि खरीदी जा रही सामग्री से परिवार कल्याण कार्यक्रम को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। लेकिन अब किसी भी चिकित्सा अधिकारी की हिम्मत नहीं कि विरोध कर सके। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी में एक बार जो फैसला हो गया है, वह बदला नहीं जा सकता है। इसलिए आवेदन करने वाले एक मात्र ठेकेदार को ही सामग्री सप्लाई करने का आदेश जारी किया गया है। सोफे, कुर्सी, स्टील बेंच आदि से कलेक्ट्रेट की सजावट तो समझ में आती है, लेकिन 81 हजार रुपए के गद्दे किस काम आएंगे इसकी जानकारी विभाग के किसी भी अधिकारी को नहीं है। भले ही जिले के अस्पतालों में मरीजों खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए स्ट्रेचर की भी सुविधा न हो, लेकिन कलेक्ट्रेट की सजावट में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। माना जाता है कि प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा जागरुक जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन अब उन्हीं के गृहजिले अजमेर में प्रशासनिक अनियमितताएं हो रही हैं। मालूम हो कि रघु शर्मा अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
एस.पी.मित्तल) (27-08-19)
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