वैज्ञानिकों की ऐसी हौंसला अफजाई तो नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री ही कर सकता है।

वैज्ञानिकों की ऐसी हौंसला अफजाई तो नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री ही कर सकता है।
नम आंखों वाले इसरो प्रमुख शिवन को 27 सैकंड तक गले लगाए रखा। 

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6 और 7 सितम्बर की रात 1 बजकर 37 मिनट पर जब चन्द्रयान दो के विक्रम लेंडर से इसरो का सम्पर्क कट गया तो हमारे वैज्ञानिकों की आंखें नम थी। हमारा लक्ष्य था कि विक्रम लेंडर चांद की सतह पर उतरे और प्रज्ञान बाहर निकले। प्रज्ञान को ही चांद की सतह पर तिरंगा अंकित करना था। प्रज्ञान ही इसरो को चांद की जानकारी देता। हालांकि 47 दिन पूरे कर हमारा चन्द्रयान चांद तक पहुंच गया था, लेकिन जमीन पर उतरने से पहले ही इसरो से दूर हो गया। चूंकि इसरो का प्रयास सफल नहीं हुआ, इसलिए वैज्ञानिकों की आंखों में आंसू थे, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह हिम्मत की बात थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो में मौजूद थे। मोदी ने पहले तो रात को ही वैज्ञानिकों की हौंसला अफजाई की और 7 सितम्बर को प्रात: 8 बजे वैज्ञानिकों के पास पहुंच गए। मोदी ने रात भर जगने के बाद सुबह आठ बजे दोबारा से जो हौंसला अफजाई की, उससे वैज्ञानिक भी अचंभित रहे। रात को जब इसरो से बाहर निकले तो इसरो प्रमुख के शिवन मोदी को मुख्यद्वार तक छोडऩे आए। मोदी ने जब शिवन की आंखों में आंूस देखे तो तत्काल गले लगा लिया। कोई 27 सैकंड तक गले लगाकर मोदी शिवन की पीठ सहलाते रहे। शब्दों और व्यवहार से वैज्ञानिकों की जो हौंसला अफजाई हुई, वह नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री ही कर सकता है। मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को साफ कह दिया है कि चांद पर पहुंचने की तैयारी फिर से की जाए। अब तक चांद की सतह पर उतरने की सफलता रूस, अमरीका और चीन को ही मिली है। लेकिन रिकॉर्ड बताता है कि एक बार के प्रयास के बाद इन तीनों देशों ने दूसरा यान नहीं भेजा। रूस तो 1959 में ही चांद पर उतर गया था, लेकिन 60 वर्षों में रूप भी चांद के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं लगा पाया। अमरीका को भी चांद पर पहुंचे पचास वर्ष हो गए हैं, लेकिन चाद पर अमरीका की ज्यादा खोज नहीं हुई है। चीन ने 2013 में चांद पर पैर रखा, लेकिन इन 6 वर्षों में चीन की ओर से भी कोई खास खोज की जानकारी नहीं मिली है। भारत चौथा देश होगा जो चांद पर पैर रखता। व्यक्ति परिश्रम ही कर सकता है, फल देना ईश्वर पर निर्भर करता है। उम्मीद है कि इसरो के वैज्ञानिक पूरी ताकत लगा कर चांद पर उतरने का प्रयास जल्द करेंगे।
एस.पी.मित्तल) (07-09-19)
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