राजस्थान का राज्यपाल बनाने से पहले प्रधानमंत्री ने कुशलक्षेम पूछी। नियुक्ति से पहले गृहमंत्री अमितशाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति ली।

राजस्थान का राज्यपाल बनाने से पहले प्रधानमंत्री ने कुशलक्षेम पूछी।
नियुक्ति से पहले गृहमंत्री अमितशाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति ली।
फस्र्ट इंडिया न्यूज चैनल के जेसी शो में राज्यपाल कलराज मिश्र की बेबाक टिप्पणियां।
संविधान के दायरे में काम करने का भरोसा दिलाया। 

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10 सितम्बर को राजस्थान के नवनियुक्त राज्यपाल कलराज मिश्र का करीब एक घंटे का लाइव इंटरव्यू फस्र्ट इंडिया न्यूज चैनल पर प्रसारित हुआ। चैनल के एमडी जगदीश चन्द्रा ने अपने लोकप्रिय जेसी शो में जो सवाल पूछे उनका जवाब राज्यपाल ने बेबाक तारीके से दिया। यही वजह रही कि कई महत्वपूर्ण जानकारियां उजागर हुई। मिश्र ने कहा कि मुझे दो माह पहले ही हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था, इसलिए स्थानांतरण की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन विगत दिनों में जब मैं बनारस में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने गया तो अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोन आया। मोदी ने मेरे स्वास्थ आदि के बारे में जानकारी ली। यह पूछा कि राज्यपाल के तौर पर कैसा लग रहा है। मुझे लगा कि प्रधानमंत्री ने बड़प्पन दिखाते हुए मेरी कुशलक्षेम पूछी है। तब प्रधानमंत्री ने नहीं बताया कि मुझे राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया जा रहा है। लेकिन अगले दिन रात को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का फोन आया और मुझे राजस्थान आने पर बधाई दी। गहलोत ने बताया कि आज दिन में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह का फोन आया था। शाह ने ही बताया कि मिश्र को राजस्थान भेजा जा रहा है। मैंने (गहलोत) आपके (मिश्र) नाम को सहर्ष स्वीकार किया। मुझे गहलोत से ही पता चला कि राजस्थान जाना है, लेकिन तब तक भी मेरे पास केन्द्र सरकार से कोई अधिकृत सूचना नहीं आई थी। अगले दिन टीवी चैनलों से पता चला कि मेरी नियुक्ति राजस्थान में कर दी गई है। मिश्र ने इंटरव्यू में माना कि नरेन्द्र मोदी और अमितशाह से उनके रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं। मैं तो जनसंघ के समय से ही राजनीति में सक्रिय रहा हंू और तभी से नरेन्द्र मोदी को जानता हंू। मेरा राजनीति में लम्बा अनुभव रहा है। मैं तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में प्रचारक की भूमिका में था, लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने मुझे राजनीति में भेज दिया और मुझे संवैधानिक दायित्व निभाने का काम मिला है। लेकिन मेरे लिए यह खुशी की बात है कि आज भी संघ का विश्वास मुझे पर बना हुआ है। हालांकि राजनीति काजल की कोठारी के समान है, लेकिन ईश्वर की कृपा से मैं इस कोठरी से भी उजला निकला हंू।
कटारिया का राजनीतिक बयान:
राजस्थान की कांग्रेस सरकार जल्द गिर जाने को लेकेर प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने जो बयान दिया उस पर टिप्पण्ी करते हुए मिश्र ने कहा कि कटारिया राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं और मैं संवैधानिक पद पर हंू। कटारिया ऐसा बयान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री की प्रशंसा:
मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुख की प्रशंसा की। 8 सितम्बर को जब मैं जयपुर पहुंचा तो एयरपोर्ट पर गहलोत ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ मेरा स्वागत किया। मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र में विचारों के मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मन भेद नहीं होने चाहिए। मैं भी चाहता हंू कि राजस्थान का विकास हो।  9 सितम्बर को को जब केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष मुलाकात करने आए तो मैंने भी राजस्थान को पचास प्रतिशत हिस्सा राशि देने की मांग की। यही मांग मुख्यमंत्री ने भी की है। मौजूदा समय में राज्यों को 42 प्रतिशत हिस्सा राशि मिल रही है।
संतुष्ट व्यक्ति होता है मोक्ष के प्रति प्रेरित:
जगदीश चन्द्रा के एक दर्शानिक सवाल का जवाब देते हुए मिश्र ने कहा कि संतुष्ट व्यक्ति ही मोक्ष के प्रति प्रेरित होता है। मैं अपने जीवन में पूरी तरह संतुष्ट हंू। कार्यशीलता के आधार पर मनुष्य का जीवन चलना चाहिए। मैंने तो एक साधारण गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया है, लेकिन मैं वाल्मीकि परिवारों में जाता रहता हंू। मेरे लिए कर्मप्रधान है।
एस.पी.मित्तल) (10-09-19)
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