राजस्थान भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिश्रम का फल है।
राजस्थान भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिश्रम का फल है। नियुक्ति का श्रेय पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को नहीं दिया।
राजे को नहीं दिया श्रेय:
नियुक्ति के बाद भाजपा कार्यालय में मीडिया से संवाद करते हुए पूनिया ने कहा कि उन पर एक बड़ी राजनीतिक जिम्मेदारी आई है वे पूरी लगन और मेहनत के साथ इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। इसी दौरान एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर ने पूनिया से सवाल पूछा कि दो दिन पहले जब केन्द्रीय पदाधिकारी वी सतीश और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की मुलाकात हुई थी, क्या इस मुलाकात के बाद ही आपकी नियुक्ति हो पाई है? आपने स्वयं भी राजे से मुलाकात की थी। इस सवाल का जवाब देते हुए पूनिया ने कहा कि मेरी नियुक्ति के बारे में ठाकुर गोविंद देवजी, सालासर बालाजी आदि ईश्वर ही जानते हैं। राजनीति में समय-समय पर लोगों से मुलाकात होती रहती है। यानि अपनी नियुक्ति का श्रेय पूनिया ने पूर्व सीएम राजे को नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि पूनिया राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश संगठन महासचिव चन्द्रशेखर की सलाह पर पूनिया की नियुक्ति हुई है। पूनिया की नियुक्ति को भाजपा की राजनीति में जाट चेहरे के तौर पर भी देखा जा रहा है। पूनिया इस समय जयुपर के आमेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हंै और पिछले चौदह वर्षों से महामंत्री के पद पर कार्यरत है। भाजपा के अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी भी थे। देवनानी 14 सितम्बर को दिल्ली में ही रहे।
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