मायावती बताएं कि आखिर हर बार बसपा के विधायक ही कांग्रेस में क्यों शामिल होते हैं?
मायावती बताएं कि आखिर हर बार बसपा के विधायक ही कांग्रेस में क्यों शामिल होते हैं? बसपा विधायक राजेन्द्र गुढा ने आरोप लगाया था कि मायावती पैसे लेकर टिकट देंती हैं। मायावती में दम हो तो एमपी में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लें। ट्वीट करने से क्या होता है। मायावती अपनी सोच बदलें-सीएम गहलोत।
एमपी में समर्थन वापसी क्यों नहीं:
राजस्थान की घटना पर मायातवी ने ट्वीट पर कड़ी टिप्पणी की। माया ने कांग्रेस को गैर जिम्मेदार धोखेबाज और दलित विरोधी पार्टी बताया है। सवाल उठता है कि जब मायावती को कांग्रेस से इतनी नाराजगी है तो फिर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन क्यों दे रखा है? मायावती के समर्थन की वजह से ही एमपी में कमलनाथ की सरकार टिकी हुई है। यदि बसपा विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी। एमपी में बहुमत के लिए 115 विधायक चाहिए। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, लेकिन 2 बसपा, 1 सपा ने समर्थन दे रखा है। अब यदि मायावती दो विधायक समर्थन वापस ले लें तो कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। लेकिन मायावती को भी पता है कि जब राजस्थान में 6 विधायक पाला बदल सकते हैं, तब एमपी में दो विधायक भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मायावती अपने विधायकों को अच्छी तरह जानती है।
गहलोत की दो टूक:
बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने और बसपा प्रमुख मायावती के बयान का जवाब देते हुए 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब मायावती को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए। बसपा की विधायक शुरू से ही मेरी सरकार को समर्थन दे रहे थे। अब इन विधायकों ने अपने स्तर पर यह महसूस किया कि उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। गहलोत ने कहा कि एक समय उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने बसपा को बिना शर्त समर्थन दिया था। मैं आज भी इस पक्ष में हंू कि बसपा जैसे राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ मिल कर काम करें। उन्होंने कहा कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का असर नवम्बर में होने वाले तीन राज्यों पर कितना पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा। मैं इतना कह सकता हंू कि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर कोई सौदेबाजी नहीं हुई, जबकि भाजपा तो मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपए का प्रस्ताव कर रही है। भाजपा को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर कोई सवाल करने का अधिकार नहीं क्योंकि कई राज्यों में भाजपा ने अल्पमत में होने के बावजूद भी सरकार का गठन किया है। सब जानते हैं कि इन राज्यों में भाजपा ने किस तरह सरकार बनाई है।
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